Unbelievable Record player who play Test for both India England was captain of Team India before independence | भारत-इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेलने वाला इकलौता खिलाड़ी, आजादी से पहले बना था टीम इंडिया का कप्तान

admin

Unbelievable Record player who play Test for both India England was captain of Team India before independence | भारत-इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेलने वाला इकलौता खिलाड़ी, आजादी से पहले बना था टीम इंडिया का कप्तान



Unbelievable Cricket Record: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 20 जून को शुरू होगी. उससे पहले इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से बात करके इस सीरीज के दौरान दी जाने वाली पटौदी ट्रॉफी का नाम बदल दिया है. अब यह ट्रॉफी भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम से जानी जाएगी. इसे ‘तेंदुलकर-एंडरसन’ ट्रॉफी कहा जाएगा.
18 साल बाद नाम बदला
भारत-इंग्लैंड के बीच पहली टेस्ट सीरीज 1932 में खेली गई थी. 2007 में दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान दी जाने वाली ट्रॉफी का नाम ‘पटौदी ट्रॉफी’ कर दिया गया था. 2007 से टीम इंडिया जब भी इंग्लैंड के दौरे पर जाती थी वह ‘पटौदी ट्रॉफी’ के लिए खेलती थी. अब ऐसा नहीं होगा. पांच सीरीज और 18 साल के बाद ट्रॉफी के नाम को बदल दिया गया.
क्रिकेट इतिहास का यूनिक रिकॉर्ड
ट्रॉफी का नाम पटौदी क्रिकेट परिवार के नाम पर रखा गया था. इफ्तिखार अली खान पटौदी ने तीन-तीन मौकों पर दोनों टीमों के लिए खेला और वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए खेला है. उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी आज तक कोई नहीं कर पाया. उनके अलावा तीन अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने भारत के अलावा दूसरे टीम के लिए खेले हैं, लेकिन कोई इंग्लैंड के लिए नहीं उतरा.
ये भी पढ़ें: क्रिकेट का ‘सिकंदर’, दुनिया के हर कोने में लहराया परचम, फाइनल में पहुंचते ही जीत लेता है ट्रॉफी!
इफ्तिखार अली खान पटौदी का रिकॉर्ड
इफ्तिखार अली खान पटौदी को नवाब ऑफ पटौदी, सीनियर भी कहा जाता है. वह 1947 में भारत के आजाद होने से पहले ही दो देशों के लिए खेले थे. उन्होंने 1932 से 1934 तक इंग्लैंड के लिए 3 टेस्ट में 28.80 की औसत से 144 रन बनाए थे. इसके बाद वह भारत के लिए 1946 में 3 टेस्ट खेलने में कामयाब रहे थे. उनके बल्ले से 11 की औसत से 55 रन निकले थे. इफ्तिखार अली खान पटौदी ने टीम इंडिया की कप्तानी भी की है. 1946 में उन्होंने अपनी पुरानी टीम इंग्लैंड के खिलाफ ही भारत की कमान संभाली थी. वह 3 टेस्ट मैचों तक टीम इंडिया के कप्तान रहे. इस दौरान दो मुकाबलों में उन्हें हार मिली और एक मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था. 
बेटे ने भी की कप्तानी
इफ्तिखार के बेटे मंसूर अली खान पटौदी भी 1960 और 1970 के दशक में भारतीय टीम के लंबे समय तक कप्तान रहे. पटौदी ट्रॉफी विजयी टीम को उसकी जीत के प्रतीक के रूप में प्रदान की जाती थी. भारत में इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज एंथनी डी मेलो ट्रॉफी के लिए खेली जाती है. पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत से पहले भारत ने इंग्लैंड में 14 सीरीज खेली थीं. इस दौरान इंग्लैंड ने 11 सीरीज में जीत हासिल की थी. भारत को दो बार जीत मिली थी और एक सीरीज ड्रॉ रही थी. 
ये भी पढ़ें: 45 साल पहले जैसा RCB का जानलेवा जश्न, खेल के बीच वो खूनी जंग; दिल दहला देगी कोलकाता की ये कहानी
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास और रिकॉर्ड
2007 में मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने 1932 में भारत के पहले टेस्ट मैच की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक नई ट्रॉफी बनवाई. इस ट्रॉफी को लंदन सिल्वरस्मिथ जोसलीन बर्टन ने होलबोर्न में अपने स्टूडियो में डिजाइन और बनाया था. ट्रॉफी को नवंबर और दिसंबर 2012 में लंदन के बेंटले एंड स्किनर में जोसलीन की प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था. पटौदी ट्रॉफी को अपने पास रखने के लिए एक टीम को एक सीरीज जीतनी होती थी. सीरीज ड्रॉ रहने पर पिछली बार जीतने वाली टीम के पास ही ट्रॉफी रहती है.  पटौदी ट्रॉफी की पांच पूरी सीरीज खेली गई. इसमें इंग्लैंड को तीन बार जीत मिली. भारत 2007 में टेस्ट सीरीज जीतने में सफल हुआ था और एक बार सीरीज बराबरी पर छूटी थी.



Source link