हम रात को जगमगाती सड़कें, चमकते होर्डिंग और ऊंची इमारतों की लाइट्स देखकर अक्सर खुश हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही रोशनी आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकती है? शहरी इलाकों में बढ़ रहे आर्टिफिशियल लाइट्स का इस्तेमाल एक तरह का लाइट पॉल्यूशन है.
मन मोह लेने वाली ये लाइटिंग्स आपके सेहत को बुरी तरह प्रभावित करती है. रात में हमारे शरीर को आराम करने के लिए कम रोशनी की जरूरत होती. ऐसे में इन लाइट्स के ऑन रहने से बॉडी की जैविक घड़ी यानी सर्कैडियन रिदम गड़बड़ा जाती है. जिससे नींद प्रभावित होती है और नींद की कमी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देती है. यहां आप लाइट पॉल्यूशन के नुकसान के बारे में जान सकते हैं.
डिप्रेशन और चिंता बढ़ती है
लाइट्स नींद को बाधित करती है, जिससे मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है. शोध बताते हैं कि अधिक रोशनी वाले इलाकों में रहने वाले लोग अधिक डिप्रेशन और चिंता के शिकार होते हैं. इसका कारण है मेलाटोनिन हार्मोन की कमी, जो मूड को स्थिर रखने में मदद करता है.
मोटापा बढ़ने का खतरा
लाइट में सोने से नींद में खलल पड़ता है, जिससे भूख कंट्रोल करने वाले हार्मोन लेप्टिन और घ्रेलिन असंतुलित हो सकते हैं. जिससे कभी भी खाने की इच्छा बढ़ने लगती है, और यह आदत वजन को बढ़ाने में मदद करता है.
दिल की सेहत पर असर
नींद की कमी और जैविक घड़ी में गड़बड़ी से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इससे ब्लड प्रेशर, सूजन और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ते हैं, जो हार्ट डिजीज के प्रमुख कारण हैं.
कैंसर का खतरा बढ़ता है
मेलाटोनिन केवल नींद ही नहीं, बल्कि शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत और कैंसर से बचाव में भी सहायक होता है. ऐसे में रात में लाइट चालू करके सोने से मेलाटोनिन का स्तर गिरता है, जिससे ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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