PBKS vs MI: आईपीएल 2025 के क्वालीफायर-1 में बारिश विलेन बन चुकी है. अहमदाबाद में मौसम ऐसा है कि एक्स्ट्रा टाइम भी कम पड़ता नजर आया. लेकिन फैंस कन्फ्यूज हैं कि बारिश के बीच डकवर्थ लुईस नियम (DLS) का गणित कैसे काम करता है. कमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गज नवजोत सिंह सिद्धू और पीयूष चावला ने इसके पीछे का गणित समझाया. उन्होंने बताया कि आजकल डीएलएस का हिसाब कैसे लगाया जाता है. आईए जानते हैं कि डीएलएस के लिए क्या-क्या चीजें जरूरी होती हैं.
क्या बोले नवजोत सिंह सिद्धू और चावला?
कमेंट्री में नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि ‘डीएलएस का गणित मुझे कम समझ में आता है. लेकिन इतना पता है कि पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को इससे फायदा मिलता है. क्योंकि यदि डीएलएस से जो भी आएगा तो बॉलिंग टीम के पास समझने का मौका होगा.’ पीयूष चावला ने कहा, ‘आजकल डीएलएस के लिए एक सॉफ्टवेयर का प्रयोग होता है. जिसमें स्कोर और ओवर्स डाले जाते हैं और ऑटोमैटिक नया स्कोर आ जाता है.’
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किस प्रकार काम करता है DLS?
1. संसाधन: प्रत्येक टीम अपने 100% संसाधनों के साथ शुरू करती है. जिसमें उनके द्वारा फेंके जाने वाले ओवर और उनके पास मौजूद विकेट शामिल होते हैं.
2. बचे हुए मैच का प्रतिशत: जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है. ओवर्स और विकेटों को देखते हुए प्रतिशत घटता जाता है. जैसे-जैसे अधिक विकेट खोये जाते हैं और ओवरों का उपयोग किया जाता है, प्रतिशत तेजी से गिरता है.
3. डीएलएस टेबल: डीएलएस विधि एक पूर्व-गणना की गई तालिका या सॉफ्टवेयर उपयोग से होता है. यह शेष ओवरों और खोए गए विकेटों के प्रत्येक संयोजन के लिए संसाधन प्रतिशत प्रदान करती है.
4. नया टारगेट: दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए लक्ष्य को दो टीमों के बीच संसाधनों के अंतर के आधार पर जोड़ा-घटाया जाता है. इसका फॉर्मूला कुछ इस तरह है. टीम 2 का संशोधित लक्ष्य = टीम 1 का स्कोर x (टीम 2 के संसाधन / टीम 1 के रिसोर्सेस).
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