Last Updated:May 27, 2025, 22:04 ISTनाथनगर, बरेली के इस चमत्कारी मंदिर में भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यहाँ दर्शन मात्र से ही लोगों को राहत मिलती है. मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है और यहाँ हर दिन श्रद्धालु आकर अपनी आस्था प्…और पढ़ें बरेली के नाथनगर में स्थित बालाजी मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. 1998 में स्थापित इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ रहती है. मान्यता है कि यहां दर्शन करने और अर्जी लगाने से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है, इसलिए दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. बरेली के जोगी नवादा में स्थित वनखंडी नाथ मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है. यहां साधु-संतों की तपस्थली की निशानी समाधियों के रूप में मौजूद है. विशाल सरोवर की उत्पत्ति आज भी रहस्य बनी हुई है. मंदिर में शिवलिंग के साथ कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं. बरेली के प्रेमनगर स्थित त्रवटीनाथ मंदिर में भगवान शिव की 60 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है, जो लोगों के बीच आस्था और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. तीन वट वृक्षों के बीच प्रकट शिवलिंग से इस स्थल को त्रवटी कहा गया. मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व गहरा है. नाथ नगरी बरेली के रहस्यमयी मंदिरों में शामिल जिन बाबा का मंदिर अपनी विशेष मान्यता के लिए प्रसिद्ध है. यहां जिन नाम के बाबा भक्तों की अर्जी सुनते हैं और सोमवार को सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है. हर वर्ग के लोग यहां आकर मनोकामना मांगते हैं. बरेली के कैंट क्षेत्र स्थित धोपेश्वर नाथ मंदिर अपने रहस्यमयी सरोवर के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से चर्मरोग जैसे दाने, खुजली और एलर्जी में राहत मिलती है. हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आकर डुबकी लगाते हैं और शिवलिंग के दर्शन करते हैं. बरेली के बड़ा बाग स्थित हनुमान मंदिर की स्थापना 3 अप्रैल 1952 को बाबा श्री रामदास जी ने राम नवमी पर की थी. कोरोना काल में आरती के दौरान गदा हिलने की घटना CCTV में कैद हुई, जिससे मंदिर की मान्यता और बढ़ी. यहां मंगलवार-शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. बरेली के अलकनाथ मंदिर में स्थित एक टैंक में सदियों पुराना काला पत्थर पानी में तैरता है, जो भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है. इसकी आकृति आम पत्थरों से अलग है. वैज्ञानिक इसे आर्किमिडीज के सिद्धांत से जोड़ते हैं, जिससे यह चमत्कार संभव बताया जाता है. श्यामगंज के घने जंगल में 200 साल पुराना कालबाड़ी मंदिर है. कहा जाता है कि एक बंगाली बाबा को सपना आया जिसमें माता रानी ने दर्शन दिए और बरेली में उनकी प्रतिमा स्थापित करने को कहा. मंदिर की स्थापना के बाद इस इलाके का नाम कालबाड़ी पड़ गया. पुजारी नितिन गौड़ ने बताया कि मंदिर के पीछे पहले माता रानी की गोबर की मूर्ति हुआ करती थी, जो श्रद्धालुओं के लिए खास थी.homeuttar-pradeshनाथनगर बरेली का चमत्कारी मंदिर: यहां बस दर्शन से ही पूरी होती हैं हर मुराद