Last Updated:May 24, 2025, 22:35 ISTShahjahanpur news in hindi : ऐसा करने से बीज जनित रोगों से छुटकारा मिल जाता है. उत्पादन अच्छा होता है. अगर ऐसा नहीं किया तो रोगों की रोकथाम मुश्किल हो जाएगी. कई बार पूरी फसल ही बर्बाद हो जाती है.X
धान हाइलाइट्सबीज उपचार से बीज जनित रोगों से बचाव होता है.इससे पौधों का अंकुरण अच्छा होता है.बीज उपचार रासायनिक और जैविक दोनों तरीके से कर सकते हैं.Paddy Farming Tips/शाहजहांपुर. धान की रोपाई से पहले किसान नर्सरी की बिजाई करने में जुट गए हैं. धान की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए स्वस्थ नर्सरी का होना जरूरी है. नर्सरी की बिजाई करने से पहले किसान बीज उपचारित करते हैं. बीज उपचारित कर नर्सरी की बिजाई करने से किसानों को कई तरह के लाभ मिलते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता बताते हैं कि बीज उपचार करना एक अहम प्रक्रिया है. बीज उपचार करने से कई रोग फसल में नहीं लगते. बहुत से बीज जनित रोग हैं जिन्हें बीज उपचार करने से ही रोका जा सकता है. अगर बीज उपचारित नहीं किया जाए तो बाद में इन रोगों की रोकथाम करना आसान नहीं होता. कई बार किसानों की फसल भी बर्बाद हो जाती है. बीज उपचार रासायनिक और जैविक दोनों तरीके से किया जा सकता है.
इन बीमारियों से बचाव
बीज उपचार करने से बीजों और पौधों को पत्ती धब्बा, झुलसा रोग (ब्लाइट) और जड़ गलन जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है. बीज में मौजूद आंतरिक या बाहरी रोगजनकों, जैसे कवक, जीवाणु, विषाणु को नष्ट करता है. बीज उपचार से बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट और कंडुआ जैसे रोगों को रोका जा सकता है. बीज उपचार धान को उन कीटों से बचाता है जो अंकुरण और पौधों की शुरुआती वृद्धि के दौरान नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये तना मक्खी, दीमक और टिड्डियों जैसे कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है. उपचारित बीजों का अंकुरण अच्छा होता है और खेत में पौधे एक समान रूप से विकसित होते हैं. ये पौधों को सड़ने और अंकुरों के झुलसने से भी बचाता है.
ऐसे करें उपचार
किसान भाई कार्बेन्डाजिम (Carbendazim) से बीज उपचार कर सकते हैं. 2 ग्राम प्रति कार्बेन्डाजिम लीटर पानी में घोलकर 1 किलोग्राम बीज को 10 घंटे तक डुबोकर रखें. अतिरिक्त पानी निकाल दें और 24 घंटे तक अंकुरित होने दें. यह ब्लास्ट जैसे रोगों से 40 दिनों तक सुरक्षा करता है. जैविक तरीके से भी बीज उपचार कर सकते हैं. इसके लिए किसान ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) का उपयोग करें. 5-10 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलोग्राम बीज के लिए उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस (Pseudomonas fluorescens) 0.5% डब्ल्यूपी (W.P.) का भी 10 ग्राम प्रति किलो बीज यूज कर सकते हैं.
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