हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा एक गंभीर स्थिति है, जो आजकल पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर रही है. हालांकि, रिसर्च और मेडिकल आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन महिलाओं में इसके लक्षण अलग और अक्सर नजरअंदाज किए जाते हैं. यही कारण है कि महिलाओं में हार्ट अटैक का पता देर से चलता है, जिससे खतरा और बढ़ जाता है.
मेडिकल जर्नल्स और हार्ट रिसर्च संगठनों के मुताबिक, 45 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है. वहीं, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, खासकर मेनोपॉज के बाद यह खतरा तेजी से बढ़ जाता है. महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर पारंपरिक नहीं होते जैसे छाती में दर्द के बजाय थकान, बेचैनी, नींद न आना, पीठ या जबड़े में दर्द आदि.
महीने भर पहले मिल सकते हैं संकेतकई मामलों में हार्ट अटैक अचानक नहीं आता, बल्कि इसका शरीर संकेत पहले ही देने लगता है. अगर समय रहते इनका ध्यान रखा जाए तो जान बचाई जा सकती है.* थकान महसूस होना: बिना किसी भारी काम के लगातार थकान महसूस होना एक बड़ा संकेत हो सकता है.* नींद में परेशानी: अचानक नींद न आना या रात को कई बार उठना, यह दिल की अनियमितता का लक्षण हो सकता है.* सीने में असहजता: हल्का दबाव, जकड़न या जलन जैसा अनुभव सीने में.* सांस फूलना: सामान्य काम करते समय भी सांस फूलना या घबराहट होना.* अचानक पसीना आना: बिना वजह पसीने आना, खासकर रात में, हार्ट अटैक के करीब होने का संकेत हो सकता है.
क्या करें?अगर आप या आपके किसी परिचित को इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें. ईसीजी, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित जांच करवाएं. समय पर जांच और लाइफस्टाइल में बदलाव से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.