Hepatitis: हमारा शरीर दिन-रात काम करता है, और उसमें लिवर एक ऐसा अंग है, जो बिना रुके कई जरूरी काम करता है. जैसे- खून साफ करना, खाना पचाना और शरीर को ताकत देना. लेकिन जब यही लिवर बीमार हो जाता है, तो पूरा शरीर कमजोर पड़ने लगता है. हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है. शुरू में हमें इसके लक्षण पता भी नहीं चलते, और जब तक समझ में आता है, तब तक लिवर को काफी नुकसान हो चुका होता है. अगर समय रहते जानकारी हो, तो हेपेटाइटिस को रोका और ठीक किया जा सकता है. यह जानना बहुत जरूरी है कि यह बीमारी कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जाए?
हेपेटाइटिस क्या है?क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, हेपेटाइटिस लिवर की सूजन को कहते हैं. यह बीमारी ज्यादातर वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है. इससे लिवर कैंसर, लिवर फेलियर और लिवर से जुड़ी दूसरी कई बीमारियां हो सकती हैं. हेपेटाइटिस दो तरह का होता है: एक्यूट हेपेटाइटिस – इसमें लक्षण अचानक शुरू होते हैं. यह बीमारी छह महीने के अंदर ठीक हो जाती है. इसमें बुखार, थकान, पेट दर्द आदि कुछ दिनों या हफ्तों तक होते हैं और फिर ठीक हो जाते हैं. दूसरा क्रॉनिक हेपेटाइटिस – इसमें हेपेटाइटिस लंबे समय तक रहता है, यानी छह महीने से ज्यादा. यह धीरे-धीरे बिगड़ता जाता है और लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर समय पर इलाज न हो तो यह लिवर फेलियर या लिवर कैंसर तक पहुंच सकता है.
हेपेटाइटिस के लक्षणबात करें इसके लक्षण की, तो शुरू में हेपेटाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे या बहुत हल्के हो सकते हैं, इसलिए तुरंत पता नहीं चलता. इसके आम लक्षण में दस्त, थकावट, कमजोरी, बुखार, मतली या भूख न लगना, पेट के दाईं ऊपरी तरफ दर्द शामिल हैं. वहीं, अगर हेपेटाइटिस लंबे समय से है, तो इसके गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जिसमें भूलने लगना, नींद जैसा महसूस होना, पेशाब का रंग गहरा होना और मल का रंग हल्का होना, त्वचा पर खुजली होना, त्वचा या आंखों के सफेद हिस्से पर पीलापन आना आदि.
हेपेटाइटिस से बचावहेपेटाइटिस से बचने के लिए हमेशा उबला या फिल्टर शुद्ध पानी पिएं, बाहर का खुला खाना खाने से बचें. हेपेटाइटिस के लिए सेफ और इफेक्टिव वैक्सीन उपलब्ध हैं. हेपेटाइटिस इंफेक्टेड के कॉन्टैक्ट में हों तो उनके टूथब्रश, रेजर आदि चीजें साझा न करें. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की जांच एवं इंफेक्शन की जांच होने पर तत्काल उपचार कराएं और स्वच्छ व ताजा खाना खाएं. डॉक्टरों की सलाह पर ही डाइट और दवाइयां लें.–आईएएनएस
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.