PCOD How Homeopathy Help in treatment of Women With Polycystic Ovarian Disease Dr Mukesh Batra | PCOD की परेशानी में डूबती महिलाओं के लिए तिनके का सहारा बन सकता इलाज का ये एक तरीका

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PCOD How Homeopathy Help in treatment of Women With Polycystic Ovarian Disease Dr Mukesh Batra | PCOD की परेशानी में डूबती महिलाओं के लिए तिनके का सहारा बन सकता इलाज का ये एक तरीका



Homeopathy For PCOD: आजकल महिलाएं, जो रिप्रोडक्टिव एज में हैं, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (Polycystic Ovarian Disease) से काफी ज्यादा परेशान हैं. ये एक ऐसा कंडीशन है जहां ओवरी ज्यादा एण्ड्रोजन (मेल हार्मोन जो आमतौर पर महिलाओं में कम मात्रा में मौजूद होते हैं) उनका प्रोडक्शन शुरू कर देते हैं, जिससे कई छोटी सिस्ट बन जाती हैं.
PCOD के लक्षण
पीसीओडी के कुछ सबसे आम लक्षणों में इरेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल , मुंहासे, हिरसुटिज्म (अनचाहे बाल उगना), वजन बढ़ने की समस्या, एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (बाल झड़ना), बांझपन और इमोशनल स्ट्रेस शामिल हैं, जिनमें मूड में उतार-चढ़ाव, चिंता और कॉन्फिडेंस की कमी शामिल है. 
होम्योपैथी बन सकती है सहाराअगर इन्हें बिना इलाज के छोड़ दिया जाए, तो PCOD इंसुलिन रिजिस्टेंस, टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रिस्क को बढ़ाकर मेटाबॉलिक हेल्थ को खराब कर सकता है. ऐसे में पद्मश्री अवॉर्ड हासिल करने वाले डॉ. मुकेश बत्रा (Dr. Mukesh Batra) का मानना है कि होम्योपैथिक मेडिसिन के लचीलेपन, और कस्टमाइज्ड ट्रीटमेंट ऑप्शन की मदद से पीसीओडी से राहत पाई जा सकती है.
ट्रीटमेंट से क्या हासिल होता है?पीसीओडी से राहत पाने के लिए डॉक्टर आपको जरूरत के हिसाब से कई होम्योपैथिक दवाएं दे सकते हैं. इन मेडिसिंस का मकसद हार्मोनल बैलेंस वापस लाना, पीरियड्स को रेगुलर करना, रिप्रोडक्टिव हेल्थ और वेल बीइंग को बिना किसी साइड इफेक्ट्स के (जैसे हार्मोन-बेस्ड तरीकों में होते हैं) बहाल करना है. 

लाइफस्टाइल में भी लाएं चेंजेजहोम्योपैथी PCOD के इलाज में मदद कर सकती है, लेकिन लाइफस्टाइल में चेंजेज करके इलाज के लिए एक हॉलिस्टिक अप्रोच अपनाना सबसे बड़ा ओवरऑल सुधार प्रोवाइड करता है. जीवनशैली में बदलाव में बैलेंस्ड न्यूट्रीशन शामिल है, जिसमें रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स कम हों, और फाइबर ज्यादा हो, जो बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी कायम करने और हार्मोनल बैलेंस बहाल करने में मदद कर सकता है.
 
एक्सरसाइज भी जरूरीवर्कआउट न सिर्फ वेट मैनेजमेंट में मदद करती है बल्कि मूड में सुधार के लिए भी है, जो तनाव को कम करता है, और ओवरऑल तरीके से ओव्यूलेशन में मदद करता है. बस 30 मिनट की तेज चाल या योग, या हफ्ते में एक बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बहुत फर्क कर सकती है. स्ट्रेस भी हार्मोनल इम्बैलेंस का एक हिस्सा है, खासकर अगर हम इसे पहचानते नहीं हैं, और हमें इससे सचेत रूप से निपटना होगा. माइंडफुलनेस को मजबूत करने के लिए, ओवरऑल हेल्थ में सुधार के लिए गहरी सांस लेने और ध्यान पर विचार करें.
हर किसी का तजुर्बा अलग-अलगचूंकि PCOD एक फंक्शनल डिसऑर्डर है, इसलिए हर कोई इससे उबरने में अलग-अलग वक्त लगाता है. कई महिलाओं को सही ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल सपोर्ट से ज्यादा रेगुलर पीरियड आने लगते हैं और वो नेचुरली कंसीव कर लेती है. ऐसे कई मामले हैं जहां महिलाओं ने होम्योपैथी से PCOD को पूरी तरह से ठीक कर दिया है. पीसीओडी के कुछ पुराने या गंभीर मामलों में, जहां दूसरे हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं, उन्हें रिजल्ट अचीव करने या हालात को मैनेज करने में ज्यादा वक्त लग सकता है.

होम्योपैथी PCOD से परेशान महिलाओं के लिए आसान और असरदार, लॉन्ग टर्म ट्रीटमेंट प्रोवाइड करती है. ये न सिर्फ लक्षणों का इलाज करता है, बल्कि इसके बजाय, अपने सेहत को वापस पाने के सफर में शरीर, मन और भावनाओं को सपोर्ट करता है. असल मदसद महिलाओं को उनकी अच्छी सेहत में कुदरती तौर से वापस लाना है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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