सिंचाईं का साधन न होने पर धान की इन 5 किस्मों की करें खेती, कम पानी में होगा बंपर पैदावार – News18 हिंदी

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Last Updated:May 17, 2025, 09:22 ISTAgricultural News: खरीफ सीजन में किसान धान की खेती करते हैं. धान के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में लगातार गिरते हुए भूजल स्तर को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को आधुनिक तरीके से धान की सीधी बुवा…और पढ़ें शाहजहांपुर: किसानों के बीच गिरते भूजल स्तर की चिंता बढ़ती जा रही है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक धान की खेती के पारंपरिक तरीकों को बदलने पर जोर दे रहे हैं. उनका सुझाव है कि किसान धान की सीधी बुवाई (Direct Seeding of Rice – DSR) तकनीक को अपनाएं. इस विधि में पानी की बचत होती है और अच्छी पैदावार भी मिल सकती है. धान की कुछ ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सीधी बुवाई करके आप कम पानी में भी बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. धान की सीधी बुवाई के लिए पूसा बासमती PB 1728 एक बेहतरीन विकल्प है. यह किस्म बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग से लड़ने में सक्षम है और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. इसकी बुवाई का सही समय 20 से 22 जून के बीच है. एक एकड़ खेत में केवल 5 किलो बीज की आवश्यकता होती है. यह प्रति एकड़ लगभग 24 से 25 क्विंटल तक की अच्छी पैदावार दे सकती है. पूरी तरह से पकने में 150 से 155 दिन लेने वाली पूसा बासमती-PB 1886 की कटाई अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में की जाती है. बासमती की यह किस्म झुलसा और झोंका रोग से लड़ने में सक्षम है. इसे खासतौर पर हरियाणा और उत्तराखंड के लिए उपयुक्त माना गया है. इसकी बुवाई जून के पहले पखवाड़े (1 से 15 जून के बीच) में की जा सकती है और यह प्रति हेक्टेयर लगभग 50 क्विंटल तक उपज दे सकती है. अगर आप धान की खेती करना चाहते हैं और आपके पास सिंचाई के लिए पानी की कमी है, तो पूसा बासमती PB 1509 किस्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है. यह किस्म अपनी उच्च गुणवत्ता और कम पानी की आवश्यकता के लिए जानी जाती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके पौधे बौने होते हैं, जिससे यह कम संसाधनों में भी अच्छी पैदावार देते हैं। PB-1509 बासमती एक एकड़ में लगभग 25 से 28 क्विंटल तक धान का उत्पादन कर सकती है. इसके अलावा, इस किस्म से चावल की रिकवरी बहुत अच्छी होती है, जो व्यापारियों को काफी आकर्षित करती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस चावल की काफी मांग रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है. पूसा बासमती PB 1401 एक अर्धबौनी किस्म का धान है जो बेमौसम बारिश को भी आसानी से सह लेता है और पकने के बाद भी खेत में गिरता नहीं है. यह बासमती की किस्म लगभग 135 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 40 से 50 क्विंटल तक उपज देती है. किसान इसकी बुवाई 20 से 21 जून के बीच कर सकते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इसका दाना पकने पर भी एक जैसा बना रहता है, जो इसे किसानों के बीच काफी लोकप्रिय बनाता है. पूसा बासमती PB-1847 जो कि पूसा बासमती 1509 का ही नया संस्करण है. यह किस्म झुलसा और झौंका रोग प्रतिरोधी है, जो कि किसानों द्वारा खूब पसंद की जाने वाली किस्म है. यह एक एकड़ में 25 से 32 क्विंटल तक उत्पादन देती है.homeagricultureसिंचाईं का साधन न होने पर धान की इन 5 किस्मों की करें खेती, होगी बंपर पैदावार

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