Importance of a good nights sleep for asthma patients Dr Vikas Mittal Pulmonologist | अस्थामा है, और नींद भी सही से नहीं आ रही, तो क्या करें पेशेंट? एक्सपर्ट डॉक्टर ने बताया

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Importance of a good nights sleep for asthma patients Dr Vikas Mittal Pulmonologist | अस्थामा है, और नींद भी सही से नहीं आ रही, तो क्या करें पेशेंट? एक्सपर्ट डॉक्टर ने बताया



How Asthma Affects Sleep: अस्थमा से परेशान कई लोगों को रात में लक्षणों के बिगड़ने का एक्सपीरिएंस होता है, ये एक ऐसा मेडिकल कंडीशन है जिसे नॉकटर्नल अस्थमा के रूप में जाना जाता है. रात के दौरान हवा के रास्ते का तंग होने कुदरती तौर पर भी होता है और इसलिए रात भर फेफड़ों के फंक्शन में गिरावट आती है. इसके अलावा, नींद के दौरान कई चीजें अस्थमा के खराब कंट्रोल में योगदान करती हैं जैसे कि धूल के कण या पालतू जानवरों की रूसी जैसे इनडोर ट्रिगर्स के कॉन्टैक्ट में इजाफा और सपाट लेटने से पोस्ट-नेजल ड्रिप या एसिड रिफ्लक्स खराब हो सकता है. दोनों अस्थमा ट्रिगर हैं.
नींद और अस्थमा का कनेक्शनडॉ. विकास मित्तल (Dr. Vikas Mittal), डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजिस्ट, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि खराब नींद अस्थमा को बढ़ा सकती है, और खराब तरीके से कंट्रोल्ड अस्थमा, बदले में, नींद में रुकाविट पैदा करता है, जो एक वीसीयस साइकिल है. अस्थमा के कारण खराब नींद वाले मरीज अक्सर थका हुआ, चिड़चिड़ा और कम प्रोडक्टिव महसूस करते हुए जागते हैं. पुरानी नींद की गड़बड़ी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकती है, सूजन बढ़ा सकती है, और यहां तक कि एंग्जाइटी और डिप्रेशन के खतरे को भी बढ़ा सकती है – ये सभी अस्थमा कंट्रोल को खराब कर सकते हैं. इसलिए एक अच्छी नींद कई तरह से अस्थमा कंट्रोल को सपोर्ट करती है, जिसमें सिस्टेमिक इंफ्लेमेशन को कम करना शामिल है.

अस्थमा के मरीज नींद को बेहतर कैसे बना सकते हैं?
1. रात के समय अस्थमा कंट्रोल: इस बात को एनश्योर करें कि कंट्रोलर इनहेलर (खास तौर से लंबे वक्त तक काम करने वाले ब्रोंकोडायलेटर्स और स्टेरॉयड) डॉक्टर की सलाह के मुताबिक लगातार इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
2. अपने बेडरूम को एलर्जी-प्रूफ बनाएं: डस्ट-माइट-प्रूफ कवर का यूज करें, भारी पर्दे या कालीनों से बचें, और बेहतर वेंटिलेशन मेंटेन रखें.
3. एसिड रिफ्लक्स को मैनेज करें: अगर आपको एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न की परेशानी है, तो देर रात खाना खाने से बचें, और बिस्तर के सिर के सिरे को थोड़ा ऊंचा करें.
4. एक जैसी स्लीप रूटीन मेंटेन करें: रोजाना एक ही वक्त पर सोने और जागने से नींद की क्वालिटी में सुधार होता है.
5. कोमोरबिड कंडीशन का इलाज करें: ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) अस्थमा के मरीजों में कॉमन है, खासकर जो ज्यादा वजन वाले हैं या खर्राटे लेते हैं. अगर शक हो, तो स्लीप स्टडी की सलाह दी जा सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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