How simple oral swab test before IVF May boost success rate of Pregnancy in Women | IVF के सक्सेस रेट में ओरल स्वैब टेस्ट का कितना हाथ? नई रिसर्च ने किया ऐसा दावा

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How simple oral swab test before IVF May boost success rate of Pregnancy in Women | IVF के सक्सेस रेट में ओरल स्वैब टेस्ट का कितना हाथ? नई रिसर्च ने किया ऐसा दावा



Oral Swab Test Before IVF: स्वीडिश रिसर्चर्स ने एक सिंपल ओरल स्वैब टेस्ट डेवलप किया है, जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रोसीजर की सक्सेस रेट को बढ़ाने में मदद कर सकता है. आईवीएफ ट्रीटमेंट में महिला की ओवरीज को कई अंडे मैच्योर करने के लिए स्टिमुलेट करना शामिल है, जिन्हें बाद में लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है और फिर यूटेरस में वापस डाल दिया जाता है.

अंडे के मैच्योर करने का तरीकाअंडे के मैच्योर होने के लिए दो अलग-अलग तरह के हार्मोन ट्रीटमेंट में से सेलेक्शन करना होता है: बायोलॉजिकल या सिंथेटिक. सीरियस साइड इफेक्ट्स के रिस्क के अलावा, थेरेपी में कभी-कभी महिलाओं को इंटेंसिव केयर में जाना पड़ता है और आईवीएफ के कई कोशिशें नाकाम हो जाती हैं.  महिला के लिए कौन सी थेरेपी सबसे अच्छी है, ये चुनना एक बड़ी चुनौती बन गया है. 
क्या है एक्सपर्ट की रायजबकि जीन मैपिंग महंगा है और इसमें वक्त लगता है, नया सिंपल ओरल स्वैब टेस्ट एक घंटे के भीतर दिखाता है कि कौन सी हार्मोन थेरेपी सबसे सही है. लंड यूनिवर्सिटी (Lund University) की प्रोफेसर यवोन लंडबर्ग गिवेर्कमैन ( Yvonne Lundberg Giwercman) ने कहा, “हमारी उम्मीद है कि इससे महिलाओं के लिए तकलीफ का खतरा कम होगा, सक्सेसफुल ट्रीटमेंट का नंबर बढ़ेगा और टैक्सपेयर्स के लिए लागत कम होगी. हमारा टारगेट है कि ये टेस्ट 2026 की शुरुआत तक उपलब्ध हो जाए.”
कैसे की गई रिसर्च?स्वीडन में आईवीएफ ट्रीटमेंट करा रही कुल 1,466 महिलाओं को स्टडी में शामिल किया गया, और 475 को 2 अलग-अलग हार्मोन ट्रीटमेंट के लिए रैंडम तरीके से चुना गया, जबकि बाकी कंट्रोल ग्रुप में थीं.
जीन सीक्वेंसिंग का यूज करते हुए, टीम ने जीन फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) के एक्शन को मैप किया, जो अंडे के मैच्योर होने में अहम रोल अदा करता है. रिसर्च में पाया गया कि एफएसएच रिसेप्टर (FSHR) जीन के एक खास तरत की महिलाओं ने बायोलॉजिकल हार्मोन ट्रीटमेंट के लिए सबसे अच्छा रिस्पॉन्स दिया, जबकि दूसरे को सिंथेटिक टाइप का हार्मोन हासिल करने से फायदा हुआ.
काफी कामयाब रहा ये तरीकाजेनेटिक प्रोफाइल को समझने के लिए, टीम ने ओरल स्वैब टेस्ट का सहारा लिया, जो काफी इफेक्टिव साबित हुआ. एक घंटे के भीतर, इसने ऐसे रिजल्ट दिए जिन्हें नंगी आंखों से गुलाबी या पीले रंग के रूप में देखा जा सकता है. जर्नल फ्रंटियर्स इन एंडोक्रिनोलॉजी (Frontiers in Endocrinology) में छपी स्टडी में गिवेर्कमैन (Giwercman) ने कहा, “महिला की जेनेटिक प्रोफाइल को पहले से जानकर, हम सक्सेसफुल प्रेग्नेंसी के नंबर बढ़ा सकते हैं.”
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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