टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया है. विराट कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं. विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट के जरिए क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप को अलविदा कह दिया. विराट कोहली का यह फैसला कई मायनों में चौंकाने वाला रहा.
विराट कोहली ने दिया झटका
दरअसल, पिछले सप्ताह ही रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी. रोहित शर्मा की फॉर्म जहां चिंता का विषय थी, वहीं विराट कोहली इस समय अपनी बेहतरीन फॉर्म के दौर से गुजर रहे हैं. IPL 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेलते हुए उन्होंने 63.13 की जबरदस्त औसत के साथ 11 पारियों में 505 रन बनाए हैं. दूसरी ओर, भारतीय टीम को अगले ही महीने इंग्लैंड का पांच टेस्ट मैचों का लंबा दौरा भी करना है.
विराट कोहली का संन्यास लेना टेस्ट क्रिकेट के लिए तगड़ा नुकसान
आक्रामकता, आंखें दिखाना, स्लेजिंग और जोश से भरा सेलिब्रेशन टेस्ट क्रिकेट का मजा दोगुना कर देता है. आक्रामकता विराट कोहली की सबसे बड़ी ताकत रही है. विराट कोहली जब टेस्ट कप्तान थे, तो उन्हें एक भी मैच में हारना बिलकुल पसंद नहीं था. विराट कोहली ने अपनी आक्रामकता के दम पर टीम इंडिया में जोश भरा और उसे अपने जुनून के जरिए मुश्किल हालात में भी जीतना सिखाया. विराट कोहली क्रिकेट के मैदान पर अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और जब भी कोई विरोधी खिलाड़ी उन पर अपनी आखें उठाता है, तो वह मुहंतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटते. विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए टीम इंडिया में जोश पैदा करते थे. सही मायने में टेस्ट क्रिकेट का असली रोमांच विराट कोहली ने ही बढ़ाया है, लेकिन अब उनका संन्यास लेना टेस्ट क्रिकेट के लिए तगड़ा नुकसान है.
10,000 रन पूरा करने की दहलीज पर खड़े थे
विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरा करने की दहलीज पर खड़े थे. विराट कोहली के नाम 9,230 टेस्ट रन हैं. टेस्ट क्रिकेट विराट कोहली का सबसे पसंदीदा फॉर्मेट रहा, जिसमें उन्होंने 68 मैचों में कप्तानी भी की. कप्तान कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री का यह दौर भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के सबसे बेहतरीन दौर में एक के तौर पर गिना जाता है.
सबसे सफल भारतीय कप्तान
विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 68 टेस्ट मैचों में 40 मैच जीते. इसमें ओवरसीज में मिली बड़ी जीत भी शामिल है. कोहली की कप्तानी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही धरती पर मात दी. टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर पर हराने वाली पहली एशियाई टीम बनी थी. कोहली टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के चौथे सबसे सफल कप्तान हैं.
साल 2011 में टेस्ट डेब्यू किया
कप्तान के तौर पर विराट कोहली से ज्यादा टेस्ट मैच ग्रीम स्मिथ (53 जीत), रिकी पोंटिंग (48 जीत), और स्टीव वॉ (41 जीत) ने जीते हैं. विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट का आधुनिक ब्रांड एंबेसडर भी माना जाता रहा है. विराट कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. उस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी.
शतकों के मामले में भारत के चौथे सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज
अपने संन्यास के समय वह शतकों के मामले में भारत के चौथे सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज हैं. उनसे ज्यादा टेस्ट शतक केवल सचिन तेंदुलकर (51 शतक), राहुल द्रविड़ (36), और सुनील गावस्कर (34 शतक) ने लगाए हैं, लेकिन जब बात दोहरे शतक की आती है तो विराट ने भारत के किसी भी बल्लेबाज से अधिक सात डबल सेंचुरी लगाई है.
2018 का इंग्लैंड दौरा बहुत खास रहा
एक कप्तान के तौर पर टेस्ट शतक लगाने के मामले में भी विराट कोहली सबसे आगे हैं. उन्होंने कप्तान रहते हुए 20 टेस्ट शतक लगाए. विराट कोहली के लिए 2018 का इंग्लैंड दौरा बहुत खास रहा था. पांच टेस्ट मैचों की उस सीरीज में उन्होंने दोनों टीमों में सबसे ज्यादा कुल 583 रन बनाए थे, उनका औसत 59.30 रहा और इसमें दो शतक शामिल थे. यह प्रदर्शन इसलिए भी और खास था क्योंकि 2014 के पिछले इंग्लैंड दौरे पर वह 10 पारियों में सिर्फ 134 रन ही बना पाए थे.
2016 से 2018 के बीच 3596 रन बनाए
2018 का साल उनके करियर का सबसे बेहतरीन साल भी रहा, जब उन्होंने कुल 1322 रन बनाए. उनके शानदार दौर (2016 से 2019) में, उनका औसत 2016 में 75.93, 2017 में 75.64, 2018 में 55.08 और 2019 में 68.00 रहा. 2016 से 2018 के बीच उन्होंने 35 टेस्ट मैचों की 58 पारियों में 66.59 की औसत से 3596 रन बनाए, जिसमें 14 शतक और आठ अर्धशतक शामिल थे.
टेस्ट क्रिकेट में कोहली की अलग पहचान
हालांकि, विराट कोहली के लिए 2024 का ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी मुश्किल रहा, खासकर उनके अपने ऊंचे स्तर को देखते हुए. 9 पारियों में वे सिर्फ 190 रन बना पाए थे. कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप जीतने के बाद सबसे छोटे प्रारूप को भी अलविदा कह दिया था. वह वनडे प्रारूप में अंतिम बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में नजर आए थे जो साल 2025 में ही हुई थी और भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में यह टूर्नामेंट जीता था. कोहली को उनकी कड़ी मेहनत और टेस्ट क्रिकेट खेलने के तरीके के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.