गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को एक और बड़ी सौगात दी है. शहर में उत्तर भारत का पहला फॉरेस्ट एंड हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी (Forest University) बनने जा रही है. गोरखपुर में 50 हेक्टेयर जमीन की पहचान हो चुकी है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार हो गई है.
5वीं यूनिवर्सिटी बनेगी गोरखपुर की पहचान
यह यूनिवर्सिटी गोरखपुर की 5वीं और उत्तर प्रदेश की एक खास शिक्षण संस्था होगी. खास बात यह है कि यह केवल राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत ‘North India’ में अपनी तरह की पहली यूनिवर्सिटी होगी. देश में यह दूसरी और दुनिया की चौथी यूनिवर्सिटी होगी, जो पूरी तरह फॉरेस्ट एजुकेशन और रिसर्च को समर्पित होगी.
सीएम की घोषणा और जमीन की प्रक्रिया
सीएम योगी ने 6 सितंबर 2024 को कैंपियरगंज में जटायु संरक्षण केंद्र के उद्घाटन के मौके पर यूनिवर्सिटी की घोषणा की थी. इसके बाद प्रशासन ने 50 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को चिन्हित कर लिया. अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से ‘लैंड ट्रांसफर’ की मंजूरी का इंतजार है, जो मई 2025 में मिलने की संभावना है.
621 करोड़ की लागत से तैयार होगी यूनिवर्सिटी
लोक निर्माण विभाग (PWD) ने यूनिवर्सिटी के लिए 621.26 करोड़ रुपये की योजना बनाई है. 6 हेक्टेयर भूमि पर मुख्य भवन और हॉस्टल बनेंगे. जबकि बाकी 44 हेक्टेयर को हरित क्षेत्र में बदला जाएगा. वन विभाग ने फरवरी में यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया है.
युवाओं को मिलेंगे स्किल डेवेलपमेंट के नए रास्ते
इस यूनिवर्सिटी में फॉरेस्ट, एग्रीकल्चर फॉरेस्ट, सोशल फॉरेस्ट और हॉर्टिकल्चर से जुड़े डिग्री व डिप्लोमा कोर्स चलाए जाएंगे. इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और उन्हें पर्यावरण, वन एवं कृषि क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन का मौका मिलेगा.
गोरखपुर की मौजूदा यूनिवर्सिटीज
1. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी
2. मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी
3. महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी (प्राइवेट सेक्टर)
4. महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी