आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हेल्थकेयर की दुनिया में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. अमेरिका के मeस जनरल ब्रिघम के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI टूल बनाया है जो सिर्फ आपके चेहरे की फोटो देखकर न केवल आपकी बायोलॉजिकल एज (जैविक उम्र) का अनुमान लगा सकता है, बल्कि ये भी बता सकता है कि कैंसर से जंग में आपकी हालत कितनी मजबूत है. इस AI टूल का नाम है- FaceAge.
FaceAge को लगभग 59,000 हेल्दी लोगों की तस्वीरों से ट्रेन किया गया है. यह टूल चेहरे की बनावट, त्वचा की स्थिति और झुर्रियों जैसे फीचर्स को स्कैन करके यह अनुमान लगाता है कि शरीर अंदर से असल में कितना बूढ़ा हो चुका है- यानी आपकी बायोलॉजिकल एज कितनी है.
हाल में हुई स्टडीएक हालिया स्टडी में 6000 से ज्यादा कैंसर मरीजों पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया. चौंकाने वाली बात ये रही कि जिन मरीजों की बायोलॉजिकल एज (फेसएज के अनुसार) उनकी असली उम्र से ज्यादा निकली, उनमें कैंसर से बचने की संभावना कम पाई गई. वहीं जिनकी बायोलॉजिकल एज कम थी, उनमें इलाज के बेहतर परिणाम देखने को मिले.
स्टडी के परिणामफेसएज टूल को जब डॉक्टरों की परंपरागत जांच के साथ मिलाया गया, तो 6 महीने की सर्वाइवल प्रेडिक्शन की सटीकता 61% से बढ़कर 80% हो गई. यानी अब डॉक्टर ज्यादा सटीक अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस मरीज को कितने आक्रामक इलाज की जरूरत है और किसे नहीं.
कैसे काम करता है ये टूल?बायोलॉजिकल एज हमारी लाइफस्टाइल, जेनेटिक्स और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करती है. ये हमारी वास्तविक उम्र से ज्यादा या कम हो सकती है. उदाहरण के तौर पर, कोई 75 साल का बुजुर्ग अगर अंदर से 65 साल का लगता है, तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होगी. वहीं, कोई 60 साल का व्यक्ति अगर अंदर से 70 का लगे, तो वो जल्दी थक सकता है और गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है. फेसएज ने सिर्फ डॉक्टरों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा, बल्कि यह मरीजों को भी उनकी सेहत के बारे में जागरूक करेगा- ताकि वे जीवनशैली में बदलाव कर खुद को बेहतर बना सकें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.