हर साल 8 मई को विश्व ओवेरियन कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस साल 2025 में इसका थीम है ‘नो वुमन लेफ्ट बिहाइंड’. इस दिन ओवेरियन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और महिलाओं को इसके खतरों से बचाने के लिए समर्पित है. आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में देर से प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी न करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ट्रेंड ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है? एक्सपर्ट की मानें तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
आधुनिक जीवन में करियर, आर्थिक स्थिरता और पर्सनल टागरेट को प्रायोरिटी देने के चलते कई महिलाएं 35 साल की उम्र के बाद पहली बार मां बन रही हैं या प्रेग्नेंसी से बच रही हैं. लेकिन रिसर्च बताते हैं कि जिन महिलाओं की पहली फुल-टर्म प्रेग्नेंसी 35 साल के बाद होती है या जो कभी प्रेग्नेंट नहीं होतीं, उन्हें ओवेरियन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) रुक जाता है, जो ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करता है. इसके विपरीत, बार-बार ओव्यूलेशन ओवरी के टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है.
एक्सपर्ट की क्या राय?बेंगलुरु की मशहूर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. निहारिका कुमार के अनुसार, 26 साल की उम्र से पहले फुल-टर्म प्रेग्नेंसी और हर प्रेग्नेंसी के साथ ओवेरियन कैंसर का खतरा कम होता है. लेकिन देर से प्रेग्नेंसी या नो प्रेग्नेंसी इस सुरक्षात्मक प्रभाव को खत्म कर देता है. इसके अलावा, मोटापा, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और जेनेटिक फैक्टर्स जैसे BRCA1 और BRCA2 म्यूटेशन भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं. भारत में ओवेरियन कैंसर महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है, और देरी से डायग्नोसिस के कारण यह जानलेवा बन जाता है.
सेहत को दें प्रायोरिटीविश्व ओवेरियन कैंसर दिवस पर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि महिलाओं को अपनी सेहत को प्रायोरिटी देनी चाहिए. नियमित स्क्रीनिंग, हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस डाइट और धूम्रपान से दूरी इस खतरे को कम कर सकती है. इसके साथ ही, ओवेरियन कैंसर के लक्षणों जैसे पेट में सूजन, बार-बार पेशाब आना और पेल्विक दर्द को नजरअंदाज न करें. समय पर डॉक्टर से संपर्क और जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.