brain mapping trend is growing to understand oneself know how its benefits you | गुस्सा, उदासी, स्ट्रेस.. क्यों महसूस होती है ये फीलिंग्स? खुद को जानने के लिए बढ़ा ‘ब्रेन मैपिंग’ का चलन, ऐसा रहा मनीषा कोइराला का अनुभव

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brain mapping trend is growing to understand oneself know how its benefits you | गुस्सा, उदासी, स्ट्रेस.. क्यों महसूस होती है ये फीलिंग्स? खुद को जानने के लिए बढ़ा 'ब्रेन मैपिंग' का चलन, ऐसा रहा मनीषा कोइराला का अनुभव



Brain Mapping Benefits: आज के समय में लोग खुद को समझना चाहते हैं, वे जानना चाहते हैं कि उन्हें गुस्सा क्यों आता है, स्ट्रेस क्यों होती है या बार-बार मन में उदासी क्यों छा जाती है? ऐसे में ब्रेन मैपिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जो हमारे दिमाग के अलग-अलग हिस्सों को स्कैन करके बताती है कि हम क्या महसूस कर रहे हैं और क्यों? इससे हमें अपनी फीलिंग्स को बेहतर समझने में मदद मिलती है, जो बातें हम खुद नहीं समझ पाते, वो ब्रेन मैपिंग बता देती है. हाल ही में मशहूर एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने भी ब्रेन मैपिंग सेशन लिया था, जिसकी एक्सपीरियंस उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. 
 
मनीषा कोइराला ने करवाया ब्रेन मैपिंगमनीषा कोइराला ने ब्रेन मैपिंग प्रोसेस की अपनी फोटो और वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मैंने ब्रेन मैपिंग करवाई और वाह! क्या सफर रहा! मैंने न्यूरोलीप ब्रेन फंक्शन असेसमेंट करवाया, जिसमें कोई भी निजी सवाल पूछे बिना ही मुझे अपने दिमाग के पैटर्न्स के बारे में ज्यादा जानकारी मिली. यह प्रोसेस 30 मिनट का था, जिसमें कुछ सेंसर मेरे सिर पर लगाए गए थे, जो ब्रेन की वेव्स को पढ़ रहे थे. इसमें न तो कोई सवाल पूछा गया, न ही कोई डिस्कंफर्ट हुई, सब कुछ कंफर्टेबल और सेफ था. लोगों को अपने भीतर को और गहराई से जानने के लिए यह प्रोसेस जरूर करनी चाहिए.”
 
क्या है ब्रेन मैपिंग?मनीषा के एक्सपीरियंस से साफ है कि खुद को समझने के लिए ब्रेन मैपिंग आसान और असरदार तरीका है. चलिए अब जानते हैं कि ये ब्रेन मैपिंग है क्या? दरअसल, ब्रेन मैपिंग एक न्यूरो-साइंस टेक्निक है. इसमें ब्रेन एक्टिविटी को मापा जाता है, ताकि समझा जा सके कि ब्रेन के अलग-अलग भाग कैसे काम करते हैं. यह ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी) और एफएमआरआई (फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) जैसी टेक्निक के जरिए किया जाता है. इससे पता चलता है कि ब्रेन के किन हिस्सों पर ध्यान देने की जरूरत होती है.
 
ब्रेन मैपिंग काम कैसे करती है?अब सवाल उठता है कि ब्रेन मैपिंग काम कैसे करती है. ब्रेन मैपिंग में मशीनें ब्रेन से निकलने वाली इलेक्ट्रिकल वेव्स को रिकॉर्ड करती हैं. ये वेव्स दिखाती हैं कि ब्रेन का कौन-सा हिस्सा उस समय एक्टिव है और इसकी फोटो ली जाती हैं, जिन्हें स्कैनिंग कहते हैं. कंप्यूटर स्कैन से मिली जानकारी का एनालिसिस करता है और एक मैप तैयार करता है, जो दिखाता है कि आपको क्यों गुस्सा आता है, स्ट्रेस क्यों होता है?–आईएएनएस
 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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