2019 World Cup India vs New Zealand: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली के लिए 2019 वर्ल्ड कप की हार काफी दुखदायी है. वह पहली बार वनडे वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करने उतरे थे और वही उनका आखिरी भी साबित हुआ. टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थी. विराट का अपनी कप्तानी में आईसीसी टूर्नामेंट को जीतने का सपना 2 साल में दूसरी बार टूटा था. इससे पहले 2017 में पाकिस्तान ने चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में हरा दिया था. कोहली के पास यह मौका 2021 में भी आया, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार मिली. वह अपनी कप्तान में भारत को एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीता पाए.
हार के बाद टूट गया था विराट का दिल
विराट ने हाल ही में भारत के 2019 वनडे विश्व कप के दिल टूटने वाले हार को याद किया और इसे एक ‘भयानक हैंगओवर’ बताया. 2019 विश्व कप में भारत खिताब जीतने के प्रबल दावेदार के रूप में टूर्नामेंट में उतरा था. लीग चरण में नौ में से सात मैच जीतकर और एक मैच बारिश के कारण रद्द होने के बाद टीम इंडिया टूर्नामेंट के दौरान टॉप पर थी. हालांकि, न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 18 रन की करारी हार के बाद भारत का शानदार अभियान समाप्त हो गया. हाल ही में कोहली ने उस हार को याद किया और कहा कि अगली सुबह वह पूरी तरह से अचेत थे और कुछ भी करने की कोई प्रेरणा नहीं थी.
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कुछ नहीं समझ पा रहे थे विराट
आरसीबी पॉडकास्ट में कोहली ने कहा, ”2019 की हार बहुत बड़ी थी, वास्तव में सेमीफाइनल खत्म होने के बाद और अगली सुबह जब हम मैनचेस्टर से निकलने वाले थे, तो ऐसा पहली बार हुआ था. आप जानते हैं जब आप उठते हैं और आपको यह समझ नहीं आता कि आप क्या करना चाहते हैं, जैसे आप अचेत हैं. ऐसा लग रहा था जैसे आपको भयानक हैंगओवर हो गया हो. बिल्कुल वैसा ही. जैसे मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि मैं क्या करना चाहता हूं, क्या मैं कॉफी पीना चाहता हूं, अपने दांत ब्रश करना चाहता हूं, अगला कदम क्या है? जैसे मैं पूरी तरह से खो गया था. मैं इसे समझ नहीं पा रहा था.”
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बारिश के कारण पलटा खेल
पूर्व भारतीय कप्तान ने याद किया कि कैसे बारिश ने भारत की लय को बाधित किया था. उन्होंने कहा कि चीजों को स्वीकार करना मुश्किल है लेकिन कोई भी हमेशा पछताता नहीं रह सकता और उसे आगे बढ़ते रहना होता है. उन्होंने आगे कहा, ”सब कुछ ठीक था. हमें दोपहर में खेलना था और बारिश हो गई. फिर हमें अगली सुबह, सुबह की परिस्थितियों में, यह, वह और अन्य चीजें करनी पड़ीं. मुझे लगा इसकी क्या संभावना है, लेकिन फिर चीजें कैसे फिर से सामने आईं. इसलिए आपको चीजों को देखने के उस स्थान पर वापस जाना होगा. आप उसमें खो नहीं सकते जो मेरे साथ हुआ और यह वह है जिससे मैं गुजर रहा हूं. शायद ऐसा ही होना था. आपको चीजों को वैसे ही स्वीकार करना होगा. स्वीकार करना बहुत मुश्किल है, इलेकिन आपको आगे बढ़ते रहना होगा.”