गर्मियों में सूरज की किरणों से बचने के लिए हम सभी सनस्क्रीन का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप इसे बाथरूम में स्टोर करते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि बाथरूम की गर्मी और नमी सनस्क्रीन की प्रभावशीलता को कम कर सकती है, जिससे स्किन कैंसर का खतरा तीन गुना तक बढ़ सकता है.
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. एड रॉबिन्सन बताते हैं कि बाथरूम की गर्म भाप और नमी सनस्क्रीन के एक्टिव इंग्रेडिएंट्स को तोड़ सकती है. इससे सनस्क्रीन की बनावट बदल जाती है और यह त्वचा को UV किरणों से प्रभावी ढंग से नहीं बचा पाती. इसका मतलब है कि आप सनस्क्रीन लगाने के बावजूद सूरज की हानिकारक किरणों से सेफ नहीं हैं, जिससे सनबर्न, समय से पहले बुढ़ापा और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
कब समझें कि आपकी सनस्क्रीन खराब हो गई है?अगर आपकी सनस्क्रीन की बनावट में बदलाव आया है, जैसे कि वह अधिक पतली, गाढ़ी या अलग-अलग परतों में बंट गई है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह खराब हो चुकी है. इसके अलावा, अगर उसमें से अजीब गंध आ रही है या उसका रंग पीला पड़ गया है, तो यह भी संकेत हैं कि उसे अब इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसी सनस्क्रीन त्वचा पर असमान रूप से लगती है, जिससे कुछ हिस्से UV किरणों से सुरक्षित नहीं रहते.
सनस्क्रीन को कैसे और कहां स्टोर करें?विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सनस्क्रीन को ठंडी, सूखी और छाया वाली जगह पर स्टोर करें. इसे बाथरूम, कार के डैशबोर्ड, खिड़की के पास या ऐसे बैग में न रखें जो सीधे सूरज की रोशनी में हों. सही तरीके से स्टोर की गई सनस्क्रीन न केवल अधिक समय तक प्रभावी रहती है, बल्कि आपकी त्वचा को भी बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है.
सनस्क्रीन का सही उपयोग कैसे करें?सनस्क्रीन को सूरज में निकलने से 20-30 मिनट पहले लगाएं.हर दो घंटे में या पसीना आने, तैराकी करने या तौलिया इस्तेमाल करने के बाद फिर से लगाएं.कम से कम SPF 30 वाली ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग करें.चेहरे, गर्दन, कान, हाथों की पीठ, पैरों और अन्य खुले हिस्सों पर अच्छी तरह से लगाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.