बढ़ती उम्र के साथ शरीर में बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन हाल ही में एक नई स्टडी में यह साफ हुआ है कि अगर किसी बुजुर्ग को कई क्रॉनिक बीमारियां एक साथ हों, तो उनकी किडनी तेजी से काम करना बंद कर सकती है.
यह स्टडी जर्नल ऑफ द अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसायटी में छपी है. इसमें बताया गया है कि अस्थमा, डिप्रेशन, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का किडनी की कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
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स्टडी में क्या सामने आया
शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियां जैसे हार्ट डिजीज और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. इनमें डायबिटीज, हाई बीपी, और हार्ट डिजीज शामिल हैं.
एक्सपर्ट की राय
हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि केवल बीमारियों की संख्या नहीं, बल्कि अलग-अलग बीमारियों के बीच संबंध और उनका मिलाजुला प्रभाव किडनी पर कितना असर डालता है, यह समझना बहुत जरूरी है. ऐसे लोग जिन्हें हाई-रिस्क बीमारियों का कॉम्बिनेशन है, उन्हें किडनी का रेगुलर चेकअप, हेल्दी जीवनशैली और समय पर दवाइयों को लेने पर ध्यान देना चाहिए.
स्टडी कैसे की गई?
इस स्टडी में 15 वर्षों तक 3,100 से अधिक बुजुर्गों पर नजर रखी गई. प्रतिभागियों की औसत उम्र 74 वर्ष थी और उनमें से दो-तिहाई महिलाएं थीं. शोधकर्ताओं ने बॉडी चेक, मेडिकल हिस्ट्री, रेगुलर हेल्थ चेकअप के आधार पर जानकारी जुटाई. प्रतिभागियों की ग्लोमेर्युलर फिल्ट्रेशन रेट (eGFR) के माध्यम से किडनी फंक्शन को परखा गया. स्टडी में यह भी पाया गया कि 87 प्रतिशत बुजुर्गों को दो या उससे ज्यादा पुरानी बीमारियां थीं, जो बताता है कि बुजुर्गों में मल्टीपल हेल्थ कंडीशन आम हो चुकी हैं.
सबसे बड़ा खतरा किन लोगों को?
शोधकर्ताओं ने पांच तरह की बीमारियों के समूहों को पहचाना, लेकिन सबसे खतरनाक ग्रुप वो था जिनमें कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियां शामिल थीं. इनकी किडनी तीन गुना अधिक तेजी से खराब हुई उन लोगों की तुलना में, जिनकी बीमारियों का जोखिम कम था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)