कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए एक नया ऑप्टिकल सेंसिंग प्लेटफार्म तैयार किया गया है जो सस्ता और आसान होने के साथ ही सटीक रिजल्ट दे सकता है. इस तकनीक की मदद से सिर्फ कोलेस्ट्रॉल का पता ही नहीं लगाया जा सकेगा, बल्कि एथेरोस्क्लेरोसिस, हार्ट डिजीज, हाई बीपी, थ्रोम्बोसिस और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शुरुआती लक्षणों की पहचान भी की जा सकेगी.
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इसका असंतुलन कई बीमारियों का कारण बन सकता है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय रहते कोलेस्ट्रॉल की जांच बेहद जरूरी हो गई है. इस दिशा में यह नई तकनीक बहुत उपयोगी साबित हो सकती है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर जांच नहीं करा पाते.
रेशम फाइबर से बना कोलेस्ट्रॉल डिटेक्शन प्लेटफॉर्म
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत काम करने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST), गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने यह तकनीक विकसित की है. उन्होंने कोलेस्ट्रॉल की पहचान के लिए फॉस्फोरिन क्वांटम डॉट्स और रेशम फाइबर का इस्तेमाल किया है. इस सेंसिंग प्लेटफार्म को सेल्यूलोज नाइट्रेट झिल्ली में जोड़ा गया है ताकि यह बेहतर ढंग से काम कर सके.
क्या है डिवाइस की खासियत
इस डिवाइस की खास बात यह है कि यह बहुत कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल की पहचान कर सकता है, यहां तक कि उस मात्रा में भी जो सामान्य से नीचे हो. इस तरह यह एक पॉइंट-ऑफ-केयर (POC) डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे लोग अपने घर पर भी कोलेस्ट्रॉल की निगरानी कर पाएंगे.
ई-कचरा नहीं पैदा करता प्लेटफॉर्म
इस डिवाइस को बनाने में पर्यावरण का भी ध्यान रखा गया है. यह प्लेटफॉर्म किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) नहीं पैदा करता, जो इसे और भी खास बनाता है. साथ ही, यह इंसानी खून, चूहे के खून और दूध जैसी चीज़ों पर भी एक जैसा असर दिखाता है, जिससे इसकी उपयोगिता और भरोसेमंदी बढ़ जाती है.
-एजेंसी-
Naxalite killed in encounter with cops in Chhattisgarh’s Sukma
A Naxalite was killed in an encounter with security personnel in Chhattisgarh’s Sukma district on Tuesday.The exchange of…

