केरल में हेपेटाइटिस A के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस साल अप्रैल तक राज्य में 3,227 मामले आ चुकी है. जबकि इस बीमारी से 16 लोगों की जान जा चुकी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गंदा पानी पीने से बीमारी तेजी से फैल रही है
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रिसर्च सेल के संयोजक डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि कुछ जगहों पर सुपर-क्लोरीनेशन करने से पूरे इलाके को सेफ नहीं किया जा सकता. असली समस्या यह है कि पीने के पानी के स्रोत सीवेज से दूषित हो रहे हैं. बता दें 2024 में राज्य में कुल 7,943 हेपेटाइटिस A के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें 81 लोगों की मौत हुई थी.
इसे भी पढ़ें- सुबह की गैस- एसिडिटी, कब्ज की नहीं रहेगी टेंशन, रात के खाने में शामिल करें ये 5 फूड्स
क्या होता है हेपेटाइटिस A
हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV) के कारण होने वाला एक लीवर इंफेक्शन है जो आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है. हालांकि यह बीमारी आमतौर पर बिना उपचार के अपने आप ठीक हो जाती है. अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, गंभीर मामलों में लीवर फेलियर हो सकता है, खासकर उन व्यक्तियों में जिन्हें पहले से ही लीवर की समस्या है.
हेपेटाइटिस A के लक्षण
हेपेटाइटिस A के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और इसमें थकान, बुखार, मतली, पेट दर्द और पीलिया शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा दस्त, भूख न लगना, गहरे रंग का मूत्र और जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है. लक्षण आमतौर पर इंफेक्शन के 2-7 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं और कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में, वे 6 महीने तक बने रह सकते हैं.
टीकाकरण और जागरूकता है जरूरी लोग इस बीमारी को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं, तो टेस्ट करवाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. हालांकि, हेपेटाइटिस A का टीका मौजूद है, पर यह राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं है और इसका खर्च व्यक्ति को खुद उठाना पड़ता है. डॉ. राजीव सलाह देते है किजिन्हें यह बीमारी पहले नहीं हुई या जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, उन्हें जल्द टीका लगवाना चाहिए. न करें घरेलू इलाज डॉ. राजीव ने कहा कि अगर किसी को हेपेटाइटिस A के लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. घरेलू नुस्खों या देसी इलाज पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है. देर से इलाज करवाने से शरीर में डिहाइड्रेशन, किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
इसे भी पढ़ें- स्किन पर चकते, दमघोंटू हवा, भारत के सबसे प्रदूषित शहर में जानलेवा हालात, जान लें बचाव के तरीके
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
93 या 95 नहीं, आखिर हिंदू धर्म में चिता की राख पर 94 ही क्यों लिखा जाता है? जानिए इसके पीछे का रहस्य
Last Updated:November 18, 2025, 15:18 ISTHindu Funeral Traditions: हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार से जुड़ी कई प्राचीन परंपराएं…

