climate change making rice toxic for health millions of people are at risk of cancer by 2050 | क्लाइमेट चेंज से चावल बन रहा सेहत के लिए टॉक्सिक, 2050 तक लाखों लोगों को कैंसर का खतरा

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climate change making rice toxic for health millions of people are at risk of cancer by 2050 | क्लाइमेट चेंज से चावल बन रहा सेहत के लिए टॉक्सिक, 2050 तक लाखों लोगों को कैंसर का खतरा



दुनिया में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज चावल है. अरबों लोग रोज इस अपने डाइट में किसी न किसी रूप से शामिल कर करते हैं. ऐसे में हाल ही में चावल पर हुई एक स्टडी चिंता का कारण बन गयी है. द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी के अनुसार, 2050 तक चावल में आर्सेनिक की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ सकती है. 
यह खासतौर पर एशियाई देशों के लिए बड़ी चिंता है, जहां चावल लोगों का मुख्य भोजन है. अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक की वृद्धि और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में बढ़ोतरी मिट्टी की रासायनिक संरचना को बदल रही है, जिससे धान अधिक आर्सेनिक सोख सकते हैं.
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कैसे बढ़ता है चावल में आर्सेनिक?  
शोधकर्ताओं के अनुसार, बढ़ते तापमान और CO2 की अधिकता से चावल के पौधों की संरचना में बदलाव आता है, जिससे वे मिट्टी से ज्यादा आर्सेनिक खींचने लगते हैं. अगर खाना पकाने में भी आर्सेनिक युक्त पानी का इस्तेमाल हो, तो सेहत पर खतरा और बढ़ जाता है.
क्या है आर्सेनिक?
आर्सेनिक एक टॉक्सिक एलिमेंट है, जो चावल जैसे अनाजों में पानी और मिट्टी के जरिए पहुंचता है, जिसमें इसे उगाया जाता है. आर्सेनिक चावल के दाने की बाहरी परतों में पाया जाता है, और यही कारण है कि भूरे चावल, जो बाहरी चोकर और अंकुर को बरकरार रखता है, में आमतौर पर आर्सेनिक का स्तर अधिक होता है.
बढ़ सकते हैं कैंसर के मामले  
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रमुख वैज्ञानिक लुईस ज़िस्का के अनुसार, जलवायु में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण चावल में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ने से कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों के मामले बढ़ सकते हैं. 
इन देशों में अधिक खतरा
स्टडी के मुताबिक, भारत, चीन, बांग्लादेश, वियतनाम, इंडोनेशिया, म्यांमार और फिलीपींस जैसे देशों में करोड़ों लोग प्रभावित हो सकते हैं. अकेले चीन में 2050 तक अनुमानित 1.34 करोड़ कैंसर के मामले केवल चावल में आर्सेनिक के कारण हो सकते हैं.
बचाव के लिए उपाय
चावल पकाते समय साफ, आर्सेनिक मुक्त या फिल्टर किया हुआ पानी इस्तेमाल करने से आर्सेनिक का सेवन कम किया जा सकता है. चावल को पकाने से पहले इसे दो से तीन बार पानी से अच्छी तरह से धो लें. 
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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