कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के स्टार स्पिनर सुनील नरेन (Sunil Narine) ने एक बार फिर से खुद को बल्लेबाजों के लिए बीस साबित करते हुए अपनी गेंदबाजी का दमखम दिखाया. सुनील नरेन (Sunil Narine) ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को उनके होम ग्राउंड चेपॉक में जिस तरह से ध्वस्त किया, वह काबिले तारीफ है. सुनील नरेन (Sunil Narine) ने चार ओवर में 13 रन देकर तीन विकेट हासिल किए और अपनी टीम की जीत के सबसे बड़े हीरो साबित हुए.
सुनील नरेन ने रचा इतिहास
यह सब आईपीएल 2025 के 23वें मैच में हुआ जब नरेन एंड कंपनी के सामने पांच बार की चैंपियन टीम महज 103 रनों पर सिमट गई. सुनील नरेन (Sunil Narine) को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया. आईपीएल 2018 से अब सुनील नरेन (Sunil Narine) को 99 मैचों में 9 बार प्लेयर ऑफ द मैच मिल चुका है. जब बात केकेआर के लिए यह अवार्ड जीतने की आती है, सुनील नरेन का कोई सानी नहीं है. उन्होंने केकेआर के लिए 16 बार प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड जीता है, जो सबसे ज्यादा है. आंद्रे रसेल 15 बार ऐसा कर चुके हैं.
आईपीएल में 185 विकेट झटके
36 साल के सुनील नरेन ने 181 आईपीएल मैचों में अब तक 25.46 की औसत के साथ 185 विकेट लिए हैं और वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं. आईपीएल एक निर्मम खेल है, जहां पर स्पिन गेंदबाजों को छक्का मारने के लिए विशेषकर टारगेट किया जाता है. युजवेंद्र चहल, पीयूष चावला, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा जैसे धुरंधरों की गेंदबाजी पर जहां इस लीग में अब तक 200 से ज्यादा छक्के लग चुके हैं, वहीं नरेन ने सिर्फ 175 छक्के ही खाए हैं.
सुनील नरेन ने CSK के खिलाफ 26 विकेट झटके
सुनील नरेन ने सीएसके के खिलाफ अब तक 26 विकेट लिए हैं, जो आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ किसी गेंदबाज द्वारा लिए गए दूसरे सर्वाधिक विकेट हैं. नरेन का जादू केवल सीएसके पर ही नहीं, बल्कि महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ भी खूब चलता है. टी20 क्रिकेट में धोनी ने इस मिस्ट्री गेंदबाज के खिलाफ सिर्फ 52.17 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग की है और औसत सिर्फ 16 की रही है. खास बात यह है कि धोनी आईपीएल में नरेन की बॉलिंग पर सिर्फ एक बार ही चौका लगा सके हैं और यह चौका भी फ्री हिट पर आया था.
घातक गेंदबाजी का राज
मैच के बाद सुनील नरेन ने कहा, ‘मैं अपनी ताकत पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा हूं. बल्लेबाज अच्छा खेलते हैं, लेकिन अगर आप उन पर ज्यादा ध्यान देते हैं, तो आप पहले से ही दबाव में आ जाते हैं. आप अभ्यस्त हो जाते हैं और जितनी जल्दी हो सके तालमेल बैठाने की कोशिश करते हैं. आप देखते हैं कि पावरप्ले में क्या होता है और टीम की मदद करने की कोशिश करते हैं. यह बहुत सीधी बात है कि आपका काम टीम को एक अच्छी शुरुआत दिलाना है. कभी-कभी यह काम करता है, कभी-कभी नहीं.’
Stormy session marred by vaping & shouting match
NEW DELHI: The winter session of Parliament, one of the shortest in recent Parliament history, came to a…

