क्रिकेट की दुनिया के लिए एक बहुत चौंकाने वाला पल सामने आया है. 27 साल की उम्र में एक युवा क्रिकेटर ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास का ऐलान कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया के टैलेंटेड ओपनर विल पुकोवस्की ने 27 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है. विल पुकोवस्की ने स्वीकार किया कि वह अभी भी बार-बार होने वाली चोटों के कारण ‘डरावने’ लक्षणों से पीड़ित हैं. 27 वर्षीय विल पुकोवस्की ने आखिरी बार मार्च 2024 में शेफील्ड शील्ड खेला था, जब तस्मानिया के तेज गेंदबाज रिले मेरेडिथ की गेंद उनके हेलमेट पर लगी थी.
27 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान
विल पुकोवस्की ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना एकमात्र टेस्ट मैच जनवरी 2021 में भारत के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला था, जिसमें उन्होंने पहली पारी में 62 रन बनाए थे. विल पुकोवस्की ने SEN क्रिकेट से कहा, ‘मैं फिर से क्रिकेट नहीं खेलूंगा. इसे जितना संभव हो सके उतना सरल शब्दों में कहें तो यह वाकई एक मुश्किल साल रहा है. सरल संदेश यह है कि मैं फिर से किसी भी स्तर पर क्रिकेट नहीं खेलूंगा. उस (आखिरी चोट) के बाद के कुछ महीनों में मुझे कुछ भी करने में संघर्ष करना पड़ा, घर के चारों ओर घूमना भी एक संघर्ष था.
कन्कशन के गंभीर दुष्प्रभावों का किया खुलासा
विल पुकोवस्की ने कहा, ‘मेरी मंगेतर इस बात से नाराज थी कि मैं घर के कामों में हाथ नहीं बंटाता था. मैं बहुत सोता था. उसके बाद से यह एक मुश्किल साल रहा, बहुत सारे लक्षण दूर नहीं हुए, जिसके कारण मुझे यह निर्णय लेना पड़ा. पहले कुछ महीने बहुत भयानक थे, लेकिन हालात ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा.’ दरअसल, विल पुकोवस्की ने थकान, सिरदर्द और मोशन सिकनेस सहित कन्कशन के कुछ गंभीर दुष्प्रभावों का भी खुलासा किया.
‘चक्कर आने लगता है’
विल पुकोवस्की ने कहा, ‘मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लक्षण इसका एक हिस्सा हैं. फिर थकान है, जो काफी खराब है, मुझे नियमित रूप से सिरदर्द होता है. मैं वास्तव में अपनी बाईं ओर की चीजों से जूझता हूं. अगर मेरे बाईं ओर कुछ होता है तो मुझे चक्कर आने लगता है. मैं मोशन सिकनेस से जूझता हूं. यह डरावना है. 27 साल की उम्र में, मेरे सामने बहुत कुछ है और मेरे पास अपने जीवन में बहुत सी चीजें हैं जो मैं हासिल करना चाहता हूं.’
‘यह काफी डरावना है’
विल पुकोवस्की ने कहा, ‘मैं अगले 15 साल और खेलना चाहता था और यह मुझसे छीन लिया गया जो कि काफी बुरा है. कम से कम मुझे पता है कि मेरे सिर पर फिर से चोट नहीं लगेगी, लेकिन जब लक्षण जारी रहते हैं, तो यह डरावना होता है. मुझे पता है कि मैं इन चोटों से पहले कैसा था और मुझे पता है कि मैं अब क्या हूं. मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझमें एक अंतर देखा है और यह मेरे और उनके लिए डरावना है.’
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