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Explained: बिग बॉस की वाइल्ड कार्ड एंट्री जैसा IPL का ये नियम, KKR को कैसे हुआ इसका फायदा?



IPL Replacement Rule: आईपीएल 2025 का माहौल भारतीय फैंस में छा चुका है. मेगा लीग की शुरुआत से पहले रिप्लेसमेंट रूल खूब चर्चा में बना हुआ है. रिप्लेसमेंट रूल का मु्द्दा तब तूल पकड़ा जब कॉर्बिन बॉश को मुंबई इंडियंस की टीम में लिजाद विलियम्स के स्थान पर चुना गया. उन्होंने इसके लिए पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) को दरकिनार कर दिया. पीसीबी ने बॉश के इस फैसले पर एक्शन लिया और वह चर्चा में आ गए. आइए समझते हैं कि आखिर रिप्लेसमेंट रूल कैसे काम करता है.
क्या है रिप्लेसमेंट रूल?
आईपीएल 2025 के पहले खिलाड़ियों के रिप्समेंट की होड़ लगी हुई है. नियम देखें तो प्लेयर्स सीजन के पहले ही नहीं बल्कि सीजन के बीच भी खिलाड़ी बदल सकते हैं. आईपीएल 2025 से पहले बीसीसीआई ने इस नियम में थोड़ा बदलाव किया है. पहले सिर्फ आईपीएल के शुरुआती सात मुकाबलों तक टीमों के लिए रिप्लेसमेंट का ऐलानकिया जा सकता था. लेकिन अब इसकी लिमिट अब बढ़ गई है. 
बीच सीजन में शामिल हो सकते हैं प्लेयर्स
पहले रिप्लेसमेंट रूल के मुताबिक बीसीसीआई 7वें लीग मैच तक टीमों को खिलाड़ी रिप्लेस करने की अनुमति देता था. लेकिन अब बदलाव के बाद 12वें लीग मैच तक रिप्लेमेंट की अनुमति मिल गई है. रूल के मुताबिक उसी खिलाड़ी को रिप्लेसमेंट के तौर पर शामिल किया जा सकता है जिसने ऑक्शन में अपना नाम दिया हो और अनसोल्ड रहा हो. इसके अलावा किसी फ्रेंचाइजी ने यदि RAPP सूची में किसी गेंदबाज को नेट गेंदबाज के तौर पर जोड़ा हो और यदि किसी अन्य फ्रेंचाइजी ने उसे रिप्लेसमेंट के लिए चुना तो पहली फ्रेंचाइजी के पास उसे रोकने का कोई अधिकार नहीं होगा. 
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क्या है पैसे का हिसाब किताब?
यदि किसी खिलाड़ी को रिप्लेसमेंट के लिए चुना जाता है और बेस प्राइज एक करोड़ रुपये है तो उसे एक करोड़ या उससे ज्यादा रुपये मिलेंगे. यदि कोई प्लेयर सीजन के समापन से पहले फिट हो जाता है, ऐसे में उसे दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा. 



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