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hangeri grass can cure piles to acne changeri ghaas ke fayde | कब्ज से लेकर पिंपल तक, इन बीमारियों को दूर कर सकती है ये घास! जानें इसके फायदे



हमारे घरों के आस-पास आयुर्वेद का खजाना छिपा होता है, लेकिन हमें उसकी पहचान नहीं होती है.  आज हम ऐसे ही एक अति गुणकारी घास के बारे में बात कर रहे हैं, जो हमारे घरों के पास में आसानी से मिल जाती है. यह घास है- चांगेरी घास. आसानी से मिलने वाली इस घास को विज्ञान की दुनिया में ‘इंडियन सॉरेल’ नाम से जाना जाता है. 
पाचन संबंधी समस्याओं का उपचार चांगेरी घास, जिसे आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है, एक अद्भुत पौधा है जो न केवल स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है, बल्कि इसके गुणकारी पत्ते विभिन्न शारीरिक समस्याओं के उपचार में भी सहायक होते हैं. आयुर्वेदिक ग्रंथों जैसे चरक-संहिता, सुश्रुत-संहिता में चांगेरी का विस्तार से उल्लेख किया गया है.  इसे खासतौर पर दस्त, बवासीर और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए उपयोगी माना गया है.
चांगेरी घास के गुण रिसर्च गेट के सितंबर 2020 अंक में छपे एक शोध के अनुसार, चांगेरी के पत्तों में पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन सी, कैरोटीन और ऑक्सलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो इसे एक शक्तिशाली पोषण स्रोत बनाते हैं. इसकी तासीर गर्म होती है और यह शरीर में सूजन कम करने, पित्त संतुलित करने, तथा हृदय को ठीक रखने में मदद करता है. इसके अलावा, यह लीवर के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है.
स्किन संबंधी समस्या हो सकती दूर चांगेरी के पत्ते स्किन की कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकॉन्वेलसेंट, और एंटीफंगल गुण त्वचा को राहत पहुंचाते हैं. इसके पत्तों को चंदन के पेस्ट के साथ मिलाकर लगाने से पिंपल्स और काले धब्बे दूर हो सकते हैं. इसके अलावा, चांगेरी के पीले फूलों का चावल के आटे के साथ इस्तेमाल करने से त्वचा का रंग निखरता है और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है.
पाचन संबंधी समस्या हो सकती दूर शोधकर्ताओं ने चांगेरी को स्वस्थ जीवन की औषधि माना है. इसका सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है. इसके पत्ते भूख बढ़ाने, लीवर को स्वस्थ रखने, और पेट की जलन को दूर करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा, यह दस्त (अतिसार) और बवासीर (पाइल्स) जैसी समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी है.
व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या होगी दूर चांगेरी का उपयोग महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया (व्हाइट डिस्चार्ज) की समस्या में भी किया जाता है. बताया जाता है कि इसके पत्तों का रस मिश्री के साथ सेवन करने से ल्यूकोरिया के कारण होने वाली दर्द और हड्डियों की कमजोरी में राहत मिलती है. 
इनपुट-आईएएनएस
Disclaimer प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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