क्या आपको लगता है कि इंसानों का विकास (Evolution) रुक गया है? अगर हां, तो दोबारा सोचिए! विज्ञान की मानें तो इंसानों का शरीर आज भी धीरे-धीरे बदल रहा है. हजारों सालों से चली आ रही विकास की प्रक्रिया (Evolution Process) अब भी जारी है और इसका असर हमारे शरीर पर साफ दिखाई देने लगा है. हैरानी की बात यह है कि इस बदलाव के दौरान इंसान एक ऐसा अंग खो रहे हैं, जो हमारे लिए बेहद जरूरी है.
ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक डॉ. टेगन लुकास द्वारा की गई 2020 की एक स्टडी के मुताबिक, इंसान के जबड़े समय के साथ छोटे होते जा रहे हैं. यह बदलाव हमारे खान-पान की आदतों की वजह से हो रहा है. पुराने समय में इंसान कच्चा मांस और सख्त भोजन खाता था, जिसके लिए मजबूत जबड़े की जरूरत थी. लेकिन अब हमारा भोजन सॉफ्ट और प्रोसेस्ड हो गया है, जिससे जबड़े पर कम दबाव पड़ता है और वे धीरे-धीरे छोटे होते जा रहे हैं.
गायब हो रही है अक्ल दाढ़दांतों के विशेषज्ञों द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, 5% से 37% लोग अब बिना अक्ल दाढ़ के पैदा हो रहे हैं. पहले के समय में, इंसान के बड़े जबड़े में अक्ल दाढ़ के लिए पर्याप्त जगह होती थी, लेकिन आज के समय में जबड़े छोटे होने के कारण कई बार अक्ल दाढ़ निकलने में परेशानी होती है या फिर ये निकलती ही नहीं है. कृषि और औद्योगिक क्रांति के बाद से यह बदलाव और तेज हुआ है.
माइक्रो-एवोल्यूशन के सबूतडॉ. टेगन लुकास और एडिलेड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैकिएज हेनबर्ग और जलिया कुमारतिलाके ने अपने अध्ययन में बताया कि इंसान के शरीर में ‘माइक्रो-एवोल्यूशन’ हो रहा है. इसका मतलब है कि मानव शरीर में छोटे-छोटे बदलाव तेजी से हो रहे हैं, जिनका असर कुछ ही पीढ़ियों में दिख रहा है. इस बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है इंसान की बांह में मौजूद ‘मीडियन आर्टरी’. यह एक एक्स्ट्रा ब्लड वैसेल है, जो सामान्यतः भ्रूण में बनती है और जन्म के बाद गायब हो जाती है. लेकिन हाल के वर्षों में इस आर्टरी की मौजूदगी बढ़ गई है. 19वीं सदी के बाद से इस आर्टरी की मौजूदगी में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाली पीढ़ियों में यह स्थायी हो सकती है.
आने वाले समय में और क्या बदलेगा?वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले समय में इंसान के शरीर में और भी बदलाव देखे जा सकते हैं. जैसे कि पैरों में एक्स्ट्रा हड्डियां और हड्डियों के बीच असामान्य जोड़ बनना. ये बदलाव हमारी लाइफस्टाइल और टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के कारण हो रहे हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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