Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 20, 2025, 10:47 ISTBasti: कम देखरेख में शानदार मुनाफे वाली फसल की खेती करना चाहते हैं तो अरुई एक बेहतरीन विकल्प है. इसे जानवर नहीं खाते और रोग भी बहुत कम लगते हैं. लागत थोड़ी ज्यादा है लेकिन कमाई भी बढ़िया होती है. X
Neeraj Raj News 18 Bastiहाइलाइट्सअरुई की खेती से लाखों की कमाई संभव.जानवर अरुई की फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते.फरवरी में अरुई की बुवाई का सही समय है.बस्ती: हर किसान यह चाहता है कि वह पारंपरिक खेती के साथ-साथ कुछ अलग फसल की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सके. अगर आप भी ऐसा सोच रहे हैं, तो अरुई की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. अरुई की खेती को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते, रोग बहुत कम लगते हैं और इसमें उत्पादन भी अधिक होता है. फरवरी माह इस फसल की बुवाई के लिए उपयुक्त समय है.
बस्ती जनपद के विकासखंड गौर के मदरहवा गांव के निवासी कालीचरण मौर्या, लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि वे लगभग 8 वर्षों से इस फसल की खेती कर रहे हैं. उनका कहना है कि अरुई की खेती 6 महीने में तैयार हो जाती है और इसे लगाकर पारंपरिक फसलों जैसे धान, गेहूं और गन्ने से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.
खास है ये फसलअरुई की खेती की कई खासियतें हैं, जो इसे दूसरी फसलों से अलग करती हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस फसल को जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते और इसमें रोग भी कम लगते हैं. इसकी पैदावार भी बहुत अच्छी होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. अरुई की कीमत आलू से अधिक होती है, जिससे इसे बेचने पर किसानों को बढ़िया लाभ मिलता है.
कैसे होती है अरुई की खेतीकालीचरण मौर्या बताते हैं कि अरुई की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत तैयार करना होता है. खेत में कम से कम दो बार गहरी जुताई करनी चाहिए. एक बार जुताई के बाद उसमें एक ट्राली गोबर की सड़ी खाद मिलानी चाहिए, फिर दूसरी बार जुताई करनी चाहिए. जब मिट्टी भुरभुरी हो जाती है, तो खेत तैयार हो जाता है. इस फसल में खास ध्यान यह रखना होता है कि इसे पर्याप्त पानी चाहिए, इसलिए सिंचाई बराबर करनी पड़ती है. इस फसल में रोग भी बहुत कम लगते हैं.
बीज के चयन पर दें ध्यानअरुई की खेती में बीज का चयन भी जरूरी है. कालीचरण मौर्या बताते हैं कि अगर आप अग्रिम बुवाई कर रहे हैं, तो नरेन्द्र प्रजाति और अगर आप पछेती बुवाई कर रहे हैं, तो पंचमुखी प्रजाति बेहतर होती है. एक बीघा खेत में लगभग 2 क्विंटल बीज लगते हैं. इसे कुदाल से बोते समय लाइनिंग की दूरी 2 फुट और बीज से बीज की दूरी 1 फुट रखनी चाहिए.
शानदार मुनाफा होता हैवे आगे बताते हैं कि अरुई की खेती में लागत थोड़ी अधिक होती है, लेकिन मुनाफा भी शानदार होता है.इसमें लगभग 20 हजार प्रति बीघा लागत आती है, जबकि इससे 1 लाख तक की आय हो सकती है, जिससे 80 हजार का मुनाफा होता है. वहीं, गन्ने जैसी फसल में 12 महीने में 10 हजार लागत आती है और 40 हजार की आय होती है. इस प्रकार, अरुई कम समय में तैयार होकर गन्ने से काफी अधिक मुनाफा देती है.
Location :Basti,Uttar PradeshFirst Published :February 20, 2025, 10:47 ISThomeagricultureइस फसल को नहीं खाते जानवर, रोग भी रहते हैं दूर, होती है लाखों की कमाई!