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noise cancelling headphones can damage hearing and you may also be at risk of these disease expert warns | नॉइज कैंसलिंग हेडफोन करते हैं यूज? खराब हो जाएंगे कान इन बीमारियों का भी खतरा, एक्सपर्ट ने दे डाली चेतावनी



नॉर्मल हेडफोन्स की तुलना में नॉइज कैंसलिंग हेडफोन्स की डिमांड आज के समय में तेजी से बढ़ती जा रही है. इसकी मदद से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी आसानी से कॉलिंग और वीडियो, म्यूजिक को बिना किसी बाहरी शोर के इंजॉय किया जा सकता है. 
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन हेडफोन्स का नियमित उपयोग ब्रेन की ऑडियो प्रोसेसिंग क्षमता को प्रभावित कर सकता है. वे चेतावनी दे रहे हैं कि लंबे समय तक इन हेडफोन का इस्तेमाल करने से सुनने से संबंधित दिमागी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिन्हें आमतौर पर हम कानों से संबंधित समझते हैं. 
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ऑडिटरी प्रोसेसिंग डिसऑर्डर (APD)
नॉइज कैंसलिंग हेडफोन्स का लगातार इस्तेमाल सुनने के नेचुरल तरीके को प्रभावित कर सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, अब अधिक युवा लोग सुनने से संबंधित समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास जा रहे हैं. हालांकि, इनके कान पूरी तरह से ठीक होते हैं, लेकिन समस्या ब्रेन में है, यानी दिमाग को जो सुनाई दे रहा है, उसे समझने में कठिनाई हो रही है. इसे ऑडिटरी प्रोसेसिंग डिसऑर्डर (APD) कहा जाता है. इसमें मस्तिष्क को शब्दों या ध्वनियों को समझने में परेशानी होती है, खासकर जब वे बैकग्राउंड शोर से मिल जाते हैं.
सुनने की क्षमता पर प्रभाव
इम्पीरियल कॉलेज हेल्थकेयर के ऑडियोलॉजी के विशेषज्ञ रेनी अल्मेडा बताती हैं कि सुनायी आने और सुनने में फर्क होता है. यदि व्यक्ति केवल वही सुन रहा है, जो वह सुनना चाहता है, तो मस्तिष्क स्वाभाविक रूप से अन्य ध्वनियों को फिल्टर करने में असमर्थ हो सकता है. 
हैडफोन्स का बढ़ता उपयोग और साइड इफेक्ट्स
नॉइज कैंसलिंग हेडफोन्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और अनुमान है कि यह 2031 तक 45.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. इस बढ़ते उपयोग के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि यह मस्तिष्क को ध्वनियों की सही प्रोसेसिंग में परेशानी दे सकता है. मस्तिष्क की नेचुरल आवाजों को पहचानने की क्षमता धीमी पड़ सकती है, विशेषकर युवाओं में, जो इस तकनीक का बहुत अधिक उपयोग कर रहे हैं.
इसका भी खतरा
नॉइज कैंसलिंग हेडफोन्स के अन्य साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से कान में दबाव बन सकता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर, थकान और असुविधा हो सकती है. इसके अलावा, गलत हाइजीन से कान में इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है.
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि हेडफोन का इस्तेमाल सीमित समय तक करना चाहिए, ताकि मस्तिष्क और कान की नेचुरल सुनने की क्षमता बनी रहे. NHS के ऑडियोलॉजिस्ट डॉ. रुथ रीसमैन ने सिफारिश की है कि नॉइज कैंसलिंग हेडफोन्स का उपयोग दिन में दो से तीन घंटे से अधिक नहीं किया जाए.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 



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