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superbug bacteria lurking in hospital drains Pipe Study Rigorous cleaning not enough to kill Them | हॉस्पिटल की पाइप बैक्टीरिया के छिपने की सबसे सेफ जगह, कड़ी सफाई को भी कर सकते हैं फेल



Bacteria in hospital drains: हॉस्पिटल्स में अच्छी तरह सफाई के बावजूद, वहां के सिंक के पाइपों में खतरनाक बैक्टीरिया छिपे रहते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, ये परेशानी “स्वास्थ्य सेवा से जुड़े संक्रमण” (HAI) बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रही है. एचएआई उन मरीजों में ज्यादा फैलते हैं जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है. इसके अलावा, कुछ अस्पतालों में सफाई के नियमों का सही से पालन न करने से भी ये समस्या और गंभीर हो जाती है.
सफाई में होता है काफी ज्यादा खर्चरिसर्च के अनुसार इस तरह के संक्रमण दुनियाभर में एक बड़ी परेशानी बन चुके हैं और अस्पतालों के कुल बजट का तकरीबन 6 फीसदी हिस्सा इसी पर खर्च हो जाता है. एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल भी इस समस्या को बढ़ाता है, क्योंकि इससे बैक्टीरिया की कुछ प्रजातियां दवाओं के प्रति रजिस्टेंट हो जाती हैं. जब ये प्रतिरोधक जीन एक बैक्टीरिया से दूसरे में ट्रांसफर हो जाते हैं, तो नए तरह की बीमारी पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है.
कड़ी सफाई भी काफी नहींस्पेन की बैलेरिक आइलैंड्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मार्गरीटा गोमिला ने कहा कि अस्पतालों के सिंक के पाइपों में बैक्टीरिया की आबादी समय के साथ बदलती रहती है, चाहे सफाई के नियम कितने ही सख्त क्यों न हों. यह अध्ययन “फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी” पत्रिका में छापी गई. इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पाइप में बैक्टीरिया के बढ़ने को नियंत्रित करना और ऐसे स्थानों पर नए बैक्टीरिया के आने से रोकना एक वैश्विक समस्या हो सकती है. ये स्थान ऐसे होते हैं जहां कीटाणुनाशक का असर कम होता है.”

67 तरह के बैक्टीरिया मिलेरिसर्च में पता चला कि सिंक और उनके पाइपों या नालियों को नियमित रूप से ब्लीच, केमिकल्स और भाप से साफ किया जाता है. कुछ दिनों के अंतराल पर लगातार ये सफाई अभियान जारी रहता ह.  इसके अलावा साल में एक बार पाइपों को कम तापमान पर हाइपरक्लोरीनीकृत किया जाता है. बावजूद इसके, वैज्ञानिकों को पाइपों में कुल 67 प्रकार के बैक्टीरिया मिले.
कहां मिले ज्यादा बैक्टीरिया?सबसे ज्यादा बैक्टीरिया सामान्य चिकित्सा (जनरल मेडिसिन) और आईसीयू में मिले, जबकि सबसे कम माइक्रोबायोलॉजी लैब में पाए गए. आईसीयू के नए खुले वार्ड में भी बैक्टीरिया की विविधता अधिक थी. इसमें मुख्य रूप से स्टेनोट्रोफोमोनास और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा नामक बैक्टीरिया पाए गए, जो निमोनिया और सेप्सिस जैसी बीमारियां फैला सकते हैं.
इसके अलावा, रिसर्चर्स को स्यूडोमोनास प्रजाति के 16 दूसरे तरह के बैक्टीरिया भी मिले, जिन्हें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इंसानों के लिए सबसे बड़े एंटीबायोटिक प्रतिरोधी खतरों में से एक माना है. ये बैक्टीरिया खासतौर पर अस्पताल के शॉर्ट-स्टे वार्ड में अधिक पाए गए.
दूसरे खतरनाक बैक्टीरिया भी अलग-अलग वार्ड्स में बार-बार मिले. रिसर्चर्स ने चेतावनी दी कि अस्पताल के सिंक के पाइप बैक्टीरिया के छिपने और बढ़ने के लिए आदर्श स्थान बन सकते हैं. इनमें कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी शामिल हो सकते हैं जो एंटीबायोटिक से बचने की क्षमता रखते हैं और नए इंफेक्शन फैला सकते हैं. इसलिए, ये जानना जरूरी है कि ये बैक्टीरिया कहां से आते हैं और मरीजों तक कैसे पहुंचते हैं, ताकि इनके प्रसार को रोका जा सके.
(इनपुट-आईएएनएस)



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