सर्वाइकल कैंसर को ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बेहद हल्के होते हैं और महिलाएं इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं. लेकिन, अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इस जानलेवा बीमारी को रोका जा सकता है.
डॉक्टरों के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है और यह मानव पेपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है. इस बीमारी से बचने और शुरुआती चरण में पहचान के लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है.
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणजसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल रॉय के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण पहचानना मुश्किल हो सकता है. हालांकि, इन संकेतों आपको जरूर ध्यान देना चाहिए.असामान्य योनि डिस्चार्ज: योनि से सफेद, पीला या बदबूदार डिस्चार्ज होना, जो सामान्य से अधिक हो सकता है.मासिक धर्म के बीच ब्लीडिंग: पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना.योनि में दर्द: संभोग के दौरान या बाद में दर्द महसूस होना.पेल्विक दर्द: पेल्विक क्षेत्र में लगातार दर्द होना.
एडवांस स्टेज के लक्षणअगर सर्वाइकल कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है, तो यह गंभीर लक्षण दिखा सकता है:पेशाब करते समय दर्द या जलन.वजन में अचानक गिरावट.पीठ के निचले हिस्से और पैरों में सूजन.थकान और कमजोरी.
बचाव के उपायसर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को अपनी नियमित जांच करवानी चाहिए. डॉ. मुकुल रॉय ने बताया कि पैप स्मियर टेस्ट और एचपीवी वैक्सीन इस बीमारी से बचाव के सबसे प्रभावी तरीके हैं. 12-13 साल की उम्र में वैक्सीन लगवाने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है.
डॉक्टर की सलाह* नियमित रूप से सर्वाइकल स्क्रीनिंग करवाएं.* एचपीवी संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.* ताजे फल, सब्जियां और पोषण से भरपूर डाइट लें ताकि आपकी इम्यूनिटी मजबूत रहे.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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