Sports

कुश्ती जगत में टेंशन का माहौल, भारत को मिली बैन की धमकी, पहलवानों को चिंता में डाल देगी ये खबर



भारतीय कुश्ती को लेकर एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को कड़ी चेतावनी जारी की है. दरअसल, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) नाखुश है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह को लेटर लिखा है. इस लेटर में चेतावनी दी गई कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) में राजनीतिक या सार्वजनिक हस्तक्षेप यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) संविधान और ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन है.
भारतीय कुश्ती जगत में टेंशन का माहौल
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय महासंघों की स्वतंत्रता उनके सुचारू संचालन और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती आयोजनों में प्रतिनिधित्व के लिए महत्वपूर्ण है जबकि सार्वजनिक अनुदानों की निगरानी स्वीकार्य है, इस दायरे से परे कोई भी हस्तक्षेप महासंघ की स्थिति को खतरे में डाल सकता है.
UWW से मिली बैन की धमकी
UWW के संचार में चेतावनी दी गई है कि यदि बाहरी हस्तक्षेप जारी रहा तो WFI को निलंबित किया जा सकता है. डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष सिंह ने इस घटना पर कहा, ‘हां, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को निलंबित करने की धमकी दी है, यदि डब्ल्यूएफआई के आंतरिक मामलों में सार्वजनिक और राजनीतिक अधिकारियों द्वारा कोई हस्तक्षेप किया जाता है. पत्र आईओए के साथ संलग्न है, वे इसे अदालत में पेश करेंगे.’
WFI के भीतर उथल-पुथल
यह चेतावनी डब्ल्यूएफआई के भीतर महत्वपूर्ण उथल-पुथल के मद्देनजर आई है. दिसंबर 2023 में इसके चुनावों के तुरंत बाद भारत के युवा मामले और खेल मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया था, जिससे कानूनी और प्रशासनिक जटिलताओं की एक सीरीज शुरू हो गई थी. निलंबन और उसके बाद की कानूनी लड़ाई ने भारतीय पहलवानों को वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपनी भागीदारी लगभग खो दी, जब तक कि खेल मंत्रालय ने निलंबन की समीक्षा करने का फैसला नहीं किया, तब तक अनिश्चितता बनी रही.
पहलवानों को चिंता में डाल देगी ये खबर
यह फैसला अदालत के निर्देश के बाद लिया गया था, जिसमें अपनी स्थिति स्पष्ट करने और एक तदर्थ पैनल को बहाल करने का निर्देश दिया गया था. एक ऐसा कदम जिसका भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शुरू में विरोध किया था. विवाद के बीच, सरकार ने चर्चा के लिए महासंघ के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह को बुलाया. सरकार की भागीदारी का उद्देश्य यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करना और घरेलू चुनौतियों को संतुलित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन को सुगम बनाना है. यूडब्ल्यूडब्ल्यू की चेतावनी का भारतीय कुश्ती पर महत्वपूर्ण प्रभाव है. डब्ल्यूएफआई के निलंबन से गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिसमें भारतीय पहलवानों को राष्ट्रीय ध्वज के तहत अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने से रोकना भी शामिल है.



Source link

You Missed

authorimg
Uttar PradeshNov 3, 2025

बहराइच ग्राउंड रिपोर्ट : जंगल के बीच 45 बच्चों की पाठशाला, जहां रोज़ मौत से जूझकर पहुंचते हैं गुरुजी

उत्तर प्रदेश के बीहड़ इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने वाला एक अनमोल उदाहरण है बहराइच जिले के…

India backs high-risk, high-impact R&D to drive innovation: PM Modi
Top StoriesNov 3, 2025

भारत उच्च जोखिम वाली और उच्च प्रभाव वाली अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करता है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत उच्च जोखिम वाले उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान…

Scroll to Top