नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली के साथ बर्ताव को लेकर BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली को निशाने पर लिया है. कोहली को वनडे कप्तानी से हटाने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है, जिसके लिए BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली को शास्त्री ने लताड़ लगाई है. बता दें कि गांगुली ने कहा था कि विराट कोहली जब टी20 की कप्तानी छोड़ना चाहते थे, तब उन्होंने हमारी नहीं सुनी. हमने उन्हें रोका था, क्योंकि हम टी20 और वनडे के लिए अलग कप्तान नहीं चाहते थे. बाद में कोहली ने गांगुली की बात को झूठा साबित करते हुए कहा था कि उन्हें टी20 की कप्तानी छोड़ने से किसी ने नहीं रोका.
कोहली के साथ गांगुली के बर्ताव से भड़के शास्त्री
रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली से टीम इंडिया की वनडे कप्तानी वापस लेने वाले मुद्दे को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था. शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली ने अपनी बात साफ तरीके से सामने रख दी है. अब यहां से चीजों को साफ करने की जिम्मेदारी BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली की है. शास्त्री ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘विराट ने कहानी का अपना पक्ष बताया है. इस पर बोर्ड अध्यक्ष (सौरव गांगुली) को अपनी कहानी का पक्ष रखने की जरूरत है. अच्छी बातचीत से स्थिति को और बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था.’
कोहली और रोहित में कौन है बेस्ट
रोहित शर्मा को नया वनडे कप्तान बनाए जाने पर रवि शास्त्री ने कहा, ‘जब विराट ने कहा कि वह टी-20 की कप्तानी नहीं करना चाहते हैं, तो रोहित के लिए दरवाजा खुल गया. उन्हें सफेद गेंद का कप्तान होना चाहिए.’ हालांकि शास्त्री ने विराट कोहली को सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान बताया हैं. शास्त्री ने कहा, ‘बिना किसी संदेह के विराट कोहली को टेस्ट कप्तान चाहिए. दुनिया का कोई भी कप्तान इस तरह के जुनून के साथ आगे नहीं बढ़ता है.’ शास्त्री ने स्वीकार किया कि विराट को खुद में काफी हद तक देखते हैं. रवि शास्त्री ने आगे कहा, ‘विराट के साथ मेरे संबंध शानदार हैं. एक जैसी सोच रखने वाले दो लोग, अपना काम करते हैं. विराट में काफी हद तक मुझे अपना अक्स नजर आता है. जोश, कुछ करने की भूख और आत्मविश्वास, आप विराट में ये सब देखते हैं.’
गांगुली और शास्त्री के बीच मनमुटाव
गांगुली और शास्त्री के रिश्ते की बात करें तो इनके बीच मनमुटाव की खबरें जगजाहिर हैं. गांगुली जब बीसीसीआई की सीएसी में थे तब उन्होंने कोच पद के लिए इंटरव्यू देने आए रवि शास्त्री को न कह दिया था और अनिल कुंबले को चुना था. हालांकि कुंबले के हटने के बाद उन्हें शास्त्री को चुना था. गांगुली जब बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे तब भी यह खबरें थी कि शायद इससे शास्त्री को नुकसान हो सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और दोनों ने अपनी-अपने जिम्मेदारियों पर ध्यान दिया. इन दोनों के बीच तल्खी नई नहीं हैं.
Anti-Drug Cycle Rally Reaches Srikakulam
Visakhapatnam: The “Abhyudayam Cycle Yatra – Pedal for a Drug-Free Future,” began its journey from Payakaraopeta in Anakapalli…

