गाजीपुर: कबड्डी का उद्भव भारत में हुआ और यह एक परंपरागत खेल है. आरंभिक रूप से इसे हरियाणा के रोहतक में खूब खेला गया. कबड्डी की लोकप्रियता गांवों से फैलते हुए आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है. इस खेल में दम, शक्ति और टीम वर्क की आवश्यकता होती है. अंजनी वर्मा जो गाजीपुर के नेहरू स्टेडियम में कबड्डी की कोच हैं बताती हैं कि 2014-15 में प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत के बाद कबड्डी को नई पहचान मिली और इसे देखने में बच्चों और युवाओं की रुचि बढ़ी. प्रो कबड्डी लीग के फाउंडर माने जाने वाले ई प्रसाद राव ने इस खेल को एक नया मंच प्रदान किया.कबड्डी का स्वास्थ्य और मानसिक लाभकबड्डी न केवल एक शारीरिक बल्कि मानसिक और मनोवैज्ञानिक खेल भी है. अंजली वर्मा बताती हैं कि इस खेल में शरीर के हर हिस्से का उपयोग होता है जो इसे एक संपूर्ण एक्सरसाइज बनाता है. कबड्डी खेलते समय खिलाड़ियों का शरीर और मन दोनों सक्रिय रहते हैं जिससे मानसिक मजबूती और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है. यह खेल शरीर के स्टैमिना, शारीरिक संतुलन और फुर्ती को बढ़ाता है. कबड्डी खेलने से हार्ट हेल्थ और मांसपेशियों की मजबूती भी होती है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है.पूर्वांचल में कबड्डी का बढ़ता जुनूनपूर्वांचल के गहमर, जमानिया और रेवतीपुर जैसे क्षेत्रों में कबड्डी के आयोजन तेजी से बढ़ रहे हैं. गहमर में हुए आयोजन में पूर्वांचल के 10-12 जिलों की टीमों ने भाग लिया. अंजली वर्मा बताती हैं कि गाजीपुर के खिलाड़ी भी अब यूपी कबड्डी लीग में हिस्सा लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच रहे हैं. उनका मानना है कि यदि प्रो कबड्डी लीग जैसे कार्यक्रम छोटे जिले और मंडल स्तर पर आयोजित होते रहें तो कबड्डी को ग्रामीण क्षेत्रों में और भी बढ़ावा मिलेगा. इस तरह कबड्डी जो कभी गांवों तक सीमित था राष्ट्रीय खेल के रूप में उभर सकता है. गाजीपुर कई खिलाड़ी पुरुष और महिला वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं. पूर्व में भी कई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं.FIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 21:35 IST
Delhi gasps as AQI worsens; over 317 flights cancelled at various airports as region engulfed in thick smog
NEW DELHI: Dense fog for five hours early Monday morning in New Delhi disrupted flight operations completely. A…

