नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी. जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी. जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना. धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए.
धोनी ने दी थी कप्तानी छोड़ने की धमकी?
2008 में ये खबरें सामने आई थी कि धोनी ने कप्तानी छोड़ने की धमकी दी थी. तब की रिपोर्ट्स के मुताबिक सेलेक्शन कमिटी की मीटिंग की जानकारी लीक हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी ने आरपी सिंह की जगह इरफान पठान को टीम में शामिल करने की बात पर सेलेक्टर्स को कप्तानी छोड़ने की धमकी भी दे दी थी. साल 2008 में एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि आरपी सिंह की जगह इरफान पठान के सेलेक्शन को लेकर धोनी असहमत थे. जब चयनकर्ताओं ने आरपी सिंह के स्थान पर इरफान पठान को चुनने को कहा तो धोनी ने कप्तानी छोड़ने की बात कही थी.
आरपी सिंह ने एक इंटरव्यू में बताई थी सच्चाई
हालांकि आरपी सिंह ने एक इंटरव्यू में इस मामले की पूरी सच्चाई बताई थी. आरपी सिंह का कहना था कि महेंद्र सिंह धोनी अपनी कप्तानी में कभी भी टीम का सेलेक्शन करने के मामले में पक्षपात नहीं करते थे. आरपी सिंह के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी ऐसे कप्तान नहीं थे, जो टीम चुनते समय इस बात को ध्यान रखते हो कि किस खिलाड़ी से उनकी दोस्ती है.
धोनी ने भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए
आरपी सिंह ने कहा था कि जब अच्छे खिलाड़ियों के चयन की बात आई तो धोनी ने अपनी टीम के लिए निष्पक्ष होकर फैसला लिया था और जब बात लीक हुई तो इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ. बता दें कि धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है. इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था.
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