हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे होने वाली मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. इसका कारण है निदान और इलाज में देरी. ऐसे में हार्ट ट्रीटमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भागीदारी बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है.
मैक्स हेल्थकेयर के कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन बलबीर सिंह ने बताया कि एआई हार्ट संबंधी गड़बड़ियों की भविष्यवाणी करने में सक्षम है, जो पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं था. हाल ही में आयोजित कार्डियोलॉजी एसयूएमएमए 2024 कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि एआई का उपयोग चिकित्सकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा.
हार्ट डिजीज की बढ़ती संख्या
भारत में हार्ट मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ रहा है. यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक चुनौती बनकर उभरी है, जहां स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सीमित है.
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एआई की भूमिका
हार्ट डिजीज के निदान में एआई की संभावनाएं व्यापक हैं. पॉल ए. फ्राइडमैन, मेयो क्लिनिक के मेडिसिन के प्रोफेसर ने बताया कि एआई ईसीजी जैसे परीक्षणों को तेजी से पढ़ने और रोग की पहचान करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, यह पहचानने में भी सक्षम है कि किस मरीज को अधिक उन्नत देखभाल की आवश्यकता है.
नवीनतम तकनीक का महत्व
गुरप्रीत संधू, मेयो क्लिनिक में कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष ने भारत में स्वास्थ्य सेवा के विकास की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, खासकर महामारी के बाद, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है. नए अस्पतालों और तकनीकों का निर्माण तेजी से हो रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि एआई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर पहुंच प्रदान कर सकता है. भारत की बड़ी ग्रामीण जनसंख्या के लिए यह तकनीक एक महत्वपूर्ण साधन बन सकती है, जिससे उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं मिल सकेगी.
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“We are confident of achieving the critical breakthrough between April and May next year,” Singh said.Despite harsh winter…

