महाराजगंज: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसके साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए समय–समय पर योजनाएं भी चलाई जाती हैं. महिलाओं को व्यवसाय में आर्थिक सहायता के लिए अलग–अलग योजनाओं के माध्यम से उन्हें अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है. बीते कुछ सालों में महिलाएं विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर व्यवसाय कर रही हैं. इसके साथ ही वह आर्थिक रूप से मजबूत भी बन रही हैं. बहुत सी महिलाएं ऐसी भी हैं, जो खुद तो आत्मनिर्भर बन ही रही हैं उसके साथ ही अन्य दूसरे लोगों को रोजगार का अवसर भी उपलब्ध करा रही हैं. मत्स्य विभाग महिला मत्स्य पालकों को एरेशन सिस्टम लगाने पर अनुदान दे रहा है.महिला मत्स्य पालकों एरेशन सिस्टम लगाने पर मिलेगा 60 प्रतिशत तक का अनुदानवर्तमान समय में पुरुषों के साथ–साथ महिलाएं भी व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. सरकार द्वारा संचालित अलग–अलग योजनाओं के माध्यम से वह व्यवसाय शुरू कर रही हैं. मत्स्य विभाग की ओर से महिला मत्स्य पालकों को एरेशन सिस्टम लगाने पर अनुदान भी दिया जा रहा है. एरेशन सिस्टम तालाब में ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखता है, जिससे तालाब में पल रही मछलियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. मत्स्य विभाग की ओर से एक एरेशन सिस्टम जिसकी कीमत 75000 है. उस पर सामान्य जाति की महिला मत्स्य पालकों को 50% का अनुदान एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिला मत्स्य पालकों को 60% का अनुदान मिल रहा है.महाराजगंज जिले में सात महिला मत्स्य पालक मिली पात्र तालाब में मछली पालन के दौरान मछलियों को ऑक्सीजन की एक सुनिश्चित मात्रा मिलना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में एरेशन सिस्टम मछली पालन के व्यवसाय में एक बेहद जरूरी तकनीकी है, जो तालाब के ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन रखता है. एरेशन सिस्टम का लाभ उठाने के लिए 1.25 एकड़ जमीन पर तालाब का होना जरूरी है. महाराजगंज जिले से सात महिला मत्स्य पालकों को इस योजना के लिए पात्र पाया गया है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और तालाब में ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन करना है.FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 10:12 IST

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