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Stage 2 soft tissue cancer liposarcoma successful surgery 3 kg tumor removed from leg



Stage 2 Soft Tissue Cancer Liposarcoma: असहनीय दर्द से जूझ रहे एक मरीज के लिए डॉक्टर भगवान साबित हुए हैं. मरीज चल नहीं पाता था, उसे पैर कटवाने तक की सलाह दे दी गई थी. लेकिन अब सफल इलाज के बाद वह चल भी पा रहा है और उसे दर्द से भी निजात मिल चुकी है. मामला दिल्ली के जाने-माने राजीव गांधी कैंसर अस्पताल का है. आइये आपको बताते हैं इस सफल सर्जरी के बारे में.
जिंदगी बिस्तर तक सीमित थी
64 साल का व्यक्ति पिछले 6 महीने से हमेशा दर्द से कराह रहा था. उसकी जिंदगी बिस्तर तक सीमित थी. उसके पैर में ट्यूमर था और उसे सही परामर्श नहीं मिल पा रही थी. राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे जीवदान दया. पैर में तीन किलो के ट्यूमर के कारण उसका जीवन असहनीय दर्द के साथ बीत रहा था. अब सफल सर्जरी के बाद वह चलने में सक्षम है.
स्टेज-2 सॉफ्ट टिशू कैंसर- लिपोसारकोमा
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज स्टेज-2 सॉफ्ट टिशू कैंसर- लिपोसारकोमा से पीड़ित था. राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (आरजीसीआईआरसी) में मरीज की सात घंटे की सर्जरी के बाद ट्यूमर को निकाला गया. ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. हिमांशु रोहेला और राजन अरोड़ा ने सर्जरी करने वाली टीम का नेतृत्व किया.
पैर कटाने की सलाह दी गई थी
उन्होंने बताया कि मरीज को पूर्व में अस्पताल में इसलिए लाया गया था क्योंकि उसे कहीं और पैर कटाने की सलाह दी गई थी. अरोड़ा ने बताया, ‘मरीज की पिछली दो सर्जरी के रिकॉर्ड को देखते हुए हमने उसके मामले की सावधानीपूर्वक समीक्षा की और ट्यूमर हटाने का फैसला किया.’
बेनाइन और मैलिग्नेंट ट्यूमर
बता दें कि पैर का ट्यूमर एक असामान्य वृद्धि है जो पैर की अलग-अलग संरचनाओं में, जैसे हड्डियों, मांसपेशियों, या त्वचा में विकसित हो सकता है. ये ट्यूमर आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं: बेनाइन (असामान्य लेकिन हानिकारक नहीं) और मैलिग्नेंट (कैंसरयुक्त). बेनाइन ट्यूमर, जैसे लिपोमा, सामान्यत: गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं पैदा करते, जबकि मैलिग्नेंट ट्यूमर, जैसे ओस्टियोसारकोमा, आसपास के ऊतकों में फैल सकते हैं और जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं.
लक्षण दिखते ही हो जाएं सतर्क
लक्षणों में पैर में सूजन, दर्द, गांठ, स्किन में बदलाव (जैसे लालिमा या गर्मी), और चलने की गति में कठिनाई शामिल हो सकते हैं. ट्यूमर के कारणों में आनुवंशिकता, पर्यावरणीय कारक (जैसे रेडिएशन या हानिकारक रसायन), और उम्र शामिल हैं. कुछ ट्यूमर विशेष रूप से बच्चों या युवा वयस्कों में अधिक देखे जाते हैं. ट्यूमर को हटाने का सबसे सामान्य तरीका सर्जरी है. अगर ट्यूमर मैलिग्नेंट है, तो कीमोथेरपी और रेडियोथेरेपी भी की जा सकती है.



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