Uttar Pradesh

पटाखों और हॉर्न के शोर ने इस बाघ को बनाया बहरा, इसलिए लोगों पर कर रहा था हमले?

रिपोर्ट- स्रजित अवस्थी

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में तकरीबन डेढ़ साल से दहशत का पर्याय बना एक बाघ वन विभाग की गिरफ्त में आ गया है. इस बाघ को सोमवार सुबह रेस्क्यू किया गया था. तब से लगातार इसे निगरानी में रखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, यह बाघ आवाज पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है जबकि इसे किसी तरह की कोई चोट नही लगी है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में लंबे अरसे से मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं देखी जा रही हैं. बाघों के हमले में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. अगर बीते एक साल के आंकड़ों को देखें तो एक साल में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की माला रेंज से सटे कुछ गांवों में आधा दर्जन से भी अधिक ग्रामीणों की जान बाघ के हमले में जा चुकी है. इन सभी हमलों में कुछ न कुछ समानता नज़र आ रही थी. ऐसे में क़यास लगाया जा रहा था कि एक ही बाघ लगातार घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है.

बीते 9 सितम्बर को पीलीभीत के बांसखेड़ा इलाक़े में अपने खेत से बंदरों को भगाते हुए एक किसान पर बाघ ने हमला बोल दिया था. हमले में किसान की मौत के बाद से ही हमलावर बाघ को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे थे. 23 सितम्बर को इस बाघ को रेस्क्यू कर लिया गया था. बाघ के व्यवहार की निगरानी और मेडिकल परीक्षण के लिए इसे पीलीभीत टाइगर रिजर्व के सेफ-हाउस में रखा गया था.

तेज आवाज पर भी नहीं दे रहा प्रतिक्रियाजानकारी के मुताबिक, आधा दर्जन से भी अधिक लोगों को मौत के घाट उतारने वाला यह बाघ तेज आवाजों पर भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. यह बाघ केवल देखने के बाद ही प्रतिक्रियाशील है. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि यह बाघ सुनने में सक्षम नहीं है. माना जा रहा है कि जंगली जानवरों को डराने के लिए ग्रामीणों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पटाखों और हॉर्न आदि के शोर के बीच लगातार रहने से ऐसी परिस्थितियां बन सकती हैं. अगर शारीरिक स्वास्थ्य की बात करें तो यह बाघ पूर्ण रूप से स्वस्थ है और इसे किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं है.

पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि रेस्क्यू करने के बाद बाघ को निगरानी और मेडिकल परीक्षण के लिए रखा गया था. बाघ पूर्ण रूप से स्वस्थ है. आवाज पर बाघ प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. ऐसे में संदेह है कि यह सुनने में सक्षम नहीं है. पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और निर्देशों का इंतज़ार है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 22:01 IST

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