How to boost libido In late 40’s: टाइटैनिक मूवी की एक्ट्रेस केट विंसलेट उर्फ रोज़ तो आपको याद ही होंगी. आज भी इन्हें लोग जवानी से सारोबोर बेहद ही खूबसूरत लड़की के तौर पर याद करते हैं. हालांकि अब केट 48 साल की हो चुकी हैं. इस उम्र में एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. जिसमें सेक्स ड्राइव का कम हो जाना भी शामिल है.
लेकिन केट विंसलेट ने हाल ही में एक ऐसे थेरेपी ली है, जिससे लिबिडो यानी कामेच्छा वापस से बूस्ट हो जाता है. इसका खुलासा एक्ट्रेस ने पॉडकास्ट इंटरव्यू में किया है. यहां उन्होंने टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के साथ अपने अनुभव के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि कामेच्छा में कमी अक्सर हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी हो सकती है. ऐसे में ये थेरेपी बहुत मददगार साबित हो सकती है, और आप एक बार फिर से सेक्सी महसूस करते हैं.
महिलाओं में कामेच्छा कम होने का कारण
महिलाओं में सेक्स ड्राइव कम होने का सबसे बड़ा कारण थायराइड और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स के लेवल में होने वाली गड़बड़ी है. यह आमतौर पर प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीडिंग, मेनोपॉज के कारण होता है. इसके अलावा स्ट्रेस, गर्भनिरोधक दवाएं, यौन रोग भी इसकी एक अहम वजह है.
क्या है टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से ट्रीटमेंट किया जाता है. टेस्टोस्टेरोन का उपयोग पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन रोग के इलाज के लिए किया जाता है. इस थेरेपी से कामेच्छा में वृद्धि, हड्डियों में मजबूती जैसे फायदे मिलते हैं. इस थेरेपी में बॉडी में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने के लिए इंजेक्शन, दवा और जेल, पैच का इस्तेमाल किया जाता है.
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टेस्टोस्टेरोन थेरेपी कैसे की जाती है?
तरीका- 1 टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन, यह आमतौर पर कमर या जांघ में इंट्रामस्क्युलर रूप से, या तो हफ्ते में एक-दो बार दी जाती है. इससे बॉडी में टेस्टोस्टेरोन का लेवल तेजी से बढ़ता है. इसके लिए बार-बार क्लिनिक जाने की जरूरत होती है.
तरीका- 2 ट्रांसडर्मल पैच, यह त्वचा पर लगाए जाते हैं, आमतौर पर पीठ, पेट या जांघों पर, जहां वे 24 घंटों में लगातार टेस्टोस्टेरोन छोड़ते हैं. त्वचा की जलन को रोकने के लिए पैच को घुमाने की आवश्यकता होती है. नहाने समय इसे हटाना जरूरी होता है.
तरीका- 3 जैल, यह एक और विकल्प है, जिसे कंधों, ऊपरी अंगों या पेट जैसे क्षेत्रों पर साफ, सूखी त्वचा पर रोजाना लगाया जाता है. जेल ब्लड सर्कुलेशन में अवशोषित हो जाता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ने लगता है. इसमें दूसरे व्यक्ति से टच होने से बचना जरूरी होता है.
तरीका- 4 ओरल टेस्टोस्टेरोन फॉर्मूलेशन, इसे आमतौर पर कम इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि इससे फायदों के साथ कुछ नुकसान होने का भी खतरा रहता है.
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी महिलाओं के लिए सेफ है?
मेयो क्लिनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्मोन टेस्टोस्टेरोन मेनोपॉज के बाद कुछ महिलाओं में सेक्स ड्राइव को बढ़ा सकता है. लेकिन इस बात पर बहुत कम शोध हुआ है कि यह कितना सुरक्षित है और यह लंबे समय तक कितना कारगर है. इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.
किसे नहीं करानी चाहिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी
टेस्टोस्टेरोन थेरेपी दिल, धमनी या किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित महिलाओं को यह थेरेपी नही लेनी चाहिए. हार्वर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “टेस्टोस्टेरोन थेरेपी यौवन का लौटाने वाला फूलप्रूफ तरीका नहीं है. ना ही इस बात का कोई ठोस प्रमाण है कि यह आपको आपकी युवावस्था के शारीरिक फिटनेस या यौन क्रिया के स्तर पर वापस लाएगी, आपको लंबे समय तक जीवित रखेगी, हृदय रोग या प्रोस्टेट कैंसर को रोकेगी, या आपकी याददाश्त या याददाश्त में सुधार करेगी, जो कि एक नेचुरल टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का फंक्शन होता है.
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