Side Effects of Pickle: भारत को अचारों का देश कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा, यहां हर तरह के अचार मौजूद हैं जिन्हें लोग बेहद चाव से खाते हैं, कई लोग तो गांव से शहर या फिर विदेश जाते वक्त इसे डिब्बे में भर लेते हैं. चावल, रोटी और पराठे के साथ इसे खाने का अलग ही लुत्फ आता है, लेकिन क्या आप जाते हैं कि अचार में लैक्टिक एसिड होता है, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. आइए इसके साइड इफेक्ट्स पर नजर डालते हैं.
क्या है लैक्टिक एसिड?
लैक्टिक एसिड एक प्रमुख ऑर्गेनिक एसिड है जो हमारे शरीर में मौजूद होता है और खून में पाया जाता है.ये एक अहम एनर्जी सोर्स के रूप में काम करता है जब हमारे शरीर को इसकी होती है, लेकिन शरीर में इसका सिक्रीशन एक लिमिट से ज्यादा हो जाए तो परेशानी पैदा कर सकता है.
लैक्टिक एसिड के 10 नुकसान
1. ऑक्सिडोसिस (Oxidosis)हद से ज्यादा लैक्टिक एसिड के कारण शरीर में अक्सिडोसिस की स्थिति हो सकती है, जिसमें खून का पीएच लेवल बिगड़ सकता है. ये कमजोरी, उल्टियां, दर्द का कारण बनता है
2. मांसपेशियों में कमजोरी (Weak Muscles)लैक्टिक एसिड की वजह से मांसपेशियों में दर्द और मुड़ापन हो सकता है, जिससे डेली एक्टिविटीज पर भी असर पड़ेगा.
3. हाई ब्लड प्रेशर (High BP)हद से ज्यादा लैक्टिक एसिड का स्तर के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकता है.
4. उल्टियां (Vomit)ऑक्सिडोसिस के कारण उल्टियां और मतली की शिकायत हो सकती है, जो आपको असहज करती है.
5. इनडाइजेशन (Indigestion)ज्यादा लैक्टिक एसिड रिलीज होने पर पाचन संबंधित समस्याएं जैसे कि पेट दर्द, गैस, कब्ज वगैरह की शिकायत हो सकती है.
6. ड्राई माउथ (Dry Mouth)ऑक्सिडोसिस के कारण मुंह सूखने की समस्याएं हो सकती हैं, जो खाने पीने में तकलीफ पैदा कर सकती हैं.
7. हार्ट डिजीज (Heart Disease)अत्यधिक लैक्टिक एसिड से दिल से जुड़ी बीमारियां भी पैदा कर सकते हैं, जैसे कि चेस्ट पेन और अनियमित दिल की धड़कन.
8. सिरदर्द( Headache)लैक्टिक एसिड के अधिक सेवन से सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे ज्यादा न खाएं.
9. कमजोर हड्डियां (Weak Bone)ज्यादा लैक्टिक एसिड स्थायी रूप से हड्डियों की स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे हड्डियों में कमजोरी आ सकती है.
10. तापमान में बदलाव (Change in Body Temperature)अगर आपके शरीर में लैक्टिक एसिड का लेवल बढ़ जाए तो इससे बॉडी टेम्प्रेचर चेंज हो सकता है.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
Fresh PIL in SC seeks law on menstrual pain leave for women
The petitioner further submitted that the menstrual status of a woman is a personal matter intrinsic to her…

