Simi Singh in ICU : आयरलैंड के प्रमुख ऑलराउंडर सिमरनजीत सिंह उर्फ सिमी सिंह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. एक्यूट लीवर फेलियर होने के चलते वह इस समय गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं. ऑफ स्पिनर और मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सिमी का लीवर ट्रांसप्लांट होना है, जो अस्पताल में ही किया जाएगा. बता दें कि सिमी सिंह का जन्म भारत में ही हुआ था. एक समय उन्होंने पेट पालने के लिए टॉयलेट साफ करने का काम भी किया था.
भारत में हुआ जन्म
सिमी का जन्म पंजाब के मोहाली में हुआ था. उन्होंने अंडर-14 साल और अंडर-17 में पंजाब का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अंडर-19 टीम में जगह नहीं बना सके. होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए 2005 में वह आयरलैंड चले गए. उन्हें यह भी नहीं पता था कि क्रिकेट उनके पीछे आयरलैंड तक भी जाएगा. 2006 में वह पेशेवर खिलाड़ी के रूप में डबलिन के मालाहाइड क्रिकेट क्लब में शामिल हो गए.
पेट पालने के लिए किया टॉयलेट साफ
आयरलैंड में रहना सिमी सिंह के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. एक इंटरव्यू में सिमी सिंह ने खुलासा किया कि वह एक स्टोर में पार्टटाइम काम करते थे और वहां उनसे टॉयलेट साफ करने के लिए कहा जाता था. इतनी मुश्किल झेलने के बावजूद सिमी सिंह ने क्रिकेट पर फोकस किया और साल 2017 में उन्होंने आयरलैंड के लिए लिस्ट A क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. फिर इसी साल उनका इंटरनेशनल डेब्यू हुआ.
ससुर ने दिया अपडेट
सिमी के ससुर परविंदर सिंह ने उनकी हालत के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया. परविंदर ने बताया, ‘लगभग पांच-छह महीने पहले, जब वह आयरलैंड के डबलिन में थे तो सिमी को एक अजीब सा बुखार हो गया था जो आता-जाता रहता था. वहां उनकी जांच करवाई गई, लेकिन जांच में कुछ भी साफ नहीं पता चला. वहां के मेडिकल प्रोफेशनल्स ने कहा कि उन्हें कोई कारण नहीं मिल पा रहा है और इसलिए वे मेडिकेशन शुरू नहीं करेंगे.’
इलाज कराने के लिए आए भारत
सिमी के ससुर ने आगे बताया, ‘प्रक्रिया में देरी हो रही थी और सिमी की तबीयत बिगड़ रही थी. इसलिए हमने उन्हें ‘बेहतर चिकित्सा सुविधा’ के लिए भारत में इलाज कराने का फैसला किया. सिमी जून के अंत में मोहाली चले गए और विभिन्न चिकित्सकों के साथ कुछ परामर्श के बाद जुलाई की शुरुआत में उनका इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई में शुरू हुआ. वहां TB की दवाईयों के साथ-साथ उन्हें एंटीबायोटिक्स दी गईं. बाद में, चेकअप के रिजल्ट आए कि उन्हें TB नहीं है.’
ICU में हुए भर्ती
सिमी के ससुर ने आगे कहा, ‘चूंकि उनका बुखार कम नहीं हुआ, इसलिए हम उन्हें दूसरी राय के लिए मोहाली के एक निजी अस्पताल में ले गए. वहां हमें बताया गया कि सिमी को TB नहीं है, लेकिन छह हफ्ते की दवा का कोर्स पूरा करना होगा. TB की दवाओं के साथ-साथ उन्हें स्टेरॉयड भी दिए गए. इसके बाद, उनका बुखार फिर से बढ़ने लगा और उन्हें एक्यूट जॉइन्डिस हो गया. अगस्त के आखिरी हफ्ते में हम उन्हें वापस पीजीआई ले गए जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया.’
3 सितंबर को मेंदाता पहुंचे
सिमी की तबीयती लगातार बिगड़ती गई और पीजीआई के डॉक्टरों ने पाया कि उन्हें एक्यूट लीवर फेलियर हो गया है. उनके ससुर ने बताया, ‘उन्होंने हमें सिमी को गुरुग्राम के मेदांता में ले जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके कोमा में जाने की संभावना अधिक थी, जिसके बाद ट्रांसप्लांट संभव नहीं होगा. हम 3 सितंबर को मेदांता आ गए.’ सिमी अब मेदांता में लीवर ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं.
पत्नी करेंगी लीवर डोनेट
सिमी सिंह की पत्नी अगमदीप कौर, जो डबलिन में एक कामकाजी पेशेवर हैं. उन्होंने अपना एक लीवर दान करने के लिए सहमति दे दी है. परिवार के एक करीबी सदस्य ने बताया, ‘शुक्र है कि सिमी का ब्लड ग्रुप AB+ है, जिसका मतलब है कि वह यूनिवर्सल रिसीवर (किसी से भी ब्लड ले सकते हैं) है. डॉक्टरों का कहना है कि उसकी पत्नी के साथ मिलान में कोई समस्या नहीं होगी. ट्रांसप्लांट बहुत जल्द होने की संभावना है और डॉक्टरों को उम्मीद है कि परिणाम सिमी के पक्ष में होगा और उसे नया जीवन मिलेगा.’
सिमी का इंटरनेशनल करियर
सिमी हाल के दिनों में आयरलैंड के प्रमुख क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. 37 साल के इस खिलाड़ी ने 2017 में अपने डेब्यू के बाद आयरलैंड के लिए 35 वनडे इंटरनेशनल और 53 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. उनके नाम 39 वनडे विकेट हैं, जिसमें 5/10 का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन शामिल है. टी 20 इंटरनेशनल में उनके नाम 44 विकेट हैं.

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