Health

study published in nature discovered another unusual mutation that increase risk of tuberculosis | TB के जोखिम को बढ़ाने वाली नई जीन म्यूटेशन की खोज- स्टडी



हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण शोध ने तपेदिक (टीबी) के जोखिम से संबंधित एक नई जीन म्यूटेशन की पहचान की है, जो इसकी कैरियर को टीबी का सामना करने में अधिक संवेदनशील बनाती है. इस खोज ने टीबी की समझ में एक नया आयाम जोड़ा है.
रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस नई म्यूटेशन का पता लगाया, जो टीबी के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा देती है. यह शोध हाल ही में ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इस म्यूटेशन ने टीबी के इलाज और इसके निवारण के दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदलने की संभावना पैदा की है.
कैसे होती है टीबी की बीमारी
शोधकर्ताओं ने पाया कि इस म्यूटेशन के कारण एक प्रोटीन ‘ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर’ (TNF) की कमी होती है. TNF, जिसे पहले एक महत्वपूर्ण सूजन कर्ता के रूप में जाना जाता था, टीबी के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा में अहम भूमिका निभाता है. शोध के अनुसार, TNF की कमी से एक विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिससे टीबी की गंभीर बीमारी होती है.
शोध में क्या निकला
रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के स्टेफनी बाइसन-डुपुइस और जीन-लॉरेंट कासानोवा द्वारा किए गए इस शोध ने TNF की भूमिका की एक नई परिभाषा दी है. कासानोवा ने कहा, “पिछले 40 वर्षों के वैज्ञानिक साहित्य ने TNF को कई सूजन कर्ता कार्यों से जोड़ा है, लेकिन टीबी के खिलाफ बचाव के अलावा, इसकी भूमिका सीमित हो सकती है.”
इस शोध में, वैज्ञानिकों ने दो कोलंबियाई मरीजों में यह म्यूटेशन पाया जो टीबी के गंभीर और बार-बार होने वाले संक्रमण से पीड़ित थे. दोनों मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड ने यह संकेत दिया कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्य रूप से काम कर रही थी, लेकिन वे विशेष रूप से टीबी के प्रति संवेदनशील थे.
म्यूटेशन की भूमिका
इस म्यूटेशन ने TNF प्रोटीन को निष्क्रिय कर दिया, जिससे कि प्रतिरक्षा प्रणाली में ‘रेस्पिरेटरी बर्स्ट’ प्रक्रिया प्रभावित हो गई. यह प्रक्रिया प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा प्रतिक्रियात्मक ऑक्सीजन यौगिक (ROS) का उत्पादन करती है, जो पैथोजन को नष्ट करने में मदद करता है. जब ROS का उत्पादन नहीं होता, तो टीबी जैसे बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका मिलता है.
इलाज पर प्रभाव
इस खोज ने टीबी के इलाज में नई दिशा दी है. TNF अवरोधक, जो ऑटोइम्यून और सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज में उपयोग होते हैं, टीबी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. शोध से यह स्पष्ट होता है कि TNF की कमी टीबी के खिलाफ प्रतिरक्षा की एक महत्वपूर्ण कड़ी को निष्क्रिय कर देती है. डॉ. बाइसन-डुपुइस ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों का हम अध्ययन कर रहे हैं, वे अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित नहीं हुए, लेकिन टीबी के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हैं.”



Source link

You Missed

GHMC Restores Mogulaiah's Painting
Top StoriesDec 19, 2025

GHMC Restores Mogulaiah’s Painting

Hyderabad: The Greater Hyderabad Municipal Corporation (GHMC) restored Padma Shri awardee Darshanam Mogilaiah’s mural on a flyover pillar…

Scroll to Top