आज की तनावपूर्ण लाइफस्टाइल में मेंटल हेल्थ एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है. कामकाजी जगहों पर मेंटल हेल्थ को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती हो सकती है. मेंटल हेल्थ का प्रभावकारक होना किसी भी कंपनी की सफलता के लिए आवश्यक है. एक हेल्दी वर्कप्लेस वह होता है जहां कर्मचारियों का मेंटल हेल्थ अच्छा होता है.
मेंटल हेल्थ का मतलब है हमारे भावनाओं, विचारों और व्यवहारों का बैलेंस. एक व्यक्ति जो मानसिक रूप से हेल्दी होता है, वह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है और अपने टारगेट को प्राप्त कर सकता है.
ऑफिस में काम का बोझऑफिस में काम के बोझ के कारण कई लोगों के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन इस समस्या का समाधान भी मौजूद है. मनाह वेलनेस नामक एक संस्था ने इसके लिए एक नया तरीका निकाला है. उन्होंने अब तक 1500 से अधिक लोगों को मेंटल वेलनेस चैंपियन बनाया है. ये चैंपियन अपने ऑफिस के सहकर्मियों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखते हैं और उन्हें जरूरत पड़ने पर मदद करते हैं.
एक्सपर्ट की रायमनाह वेलनेस के सीईओ डॉ. अश्विन नाइक का कहना है कि अच्छी मेंटल वेलनेस का होना किसी भी कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ये अपने सहकर्मियों को सुरक्षित महसूस कराते हैं और उन्हें मेंटल हेल्थ की समस्याओं के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इससे कंपनी में एक पॉजिटिव वातावरण बनता है.
मनाह वेलनेस के को-फाउंडर और सीओओ रितिका अरोड़ा ने बताया कि मेंटल वेलनेस चैंपियंस को चार क्षेत्रों में ट्रेंन किया जाता है – संकट, विकार, विकास और दुख. इन चैंपियंस को सहानुभूति, अवलोकन, इमोशनल संकट के लक्षणों की पहचान, मायोपिक बातचीत, संकट मैनेजमेंट, रिसोर्सफुलनेस और आत्म देखभाल पर ट्रेन किया जाता है.
अच्छी मेंटल वेलनेस चैंपियंस का होना किसी भी कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वे अपने सहकर्मियों को सुरक्षित महसूस कराते हैं और उन्हें मेंटल हेल्थ की समस्याओं के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इससे कंपनी में एक अच्छा वातावरण बनता है.
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