विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक चिंताजनक चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत में चांदीपुरा वायरस का वर्तमान प्रकोप पिछले 20 वर्षों में सबसे बड़ा है. इस वायरस के कारण होने वाले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामले इस साल तेजी से बढ़े हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जून की शुरुआत से 15 अगस्त के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एईएस के 245 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 82 लोगों की मौत हो गई है. देश के 43 जिलों में इस बीमारी के मामले सामने आए हैं और इनमें से 64 मामले चांदीपुरा वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. आपको बता दें कि चांदीपुरा वायरस रैबडोविरिडे परिवार का एक सदस्य है जो देश के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी भागों में खासकर मानसून के दौरान छिटपुट मामलों और प्रकोपों का कारण बनता है। यह ‘सैंड फ्लाई’ और ‘टिक्स’ जैसे रोगवाहक कीटों से फैलता है.
क्या है चांदीपुरा वायरस?चांदीपुरा वायरस एक प्रकार का विषाणु है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है. इस वायरस से संक्रमित होने पर बुखार, सिरदर्द, उल्टी, दौरे और चेतना खोना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
क्यों बढ़ रहे हैं मामले?विशेषज्ञों का मानना है कि चांदीपुरा वायरस के मामलों में वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण और लोगों में जागरूकता की कमी शामिल हैं.
क्या है बचाव का उपाय?* मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करना* शरीर को पूरी तरह ढककर रखना* घर के आसपास साफ-सफाई रखना* संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
Won’t let opportunistic pricing even on foreign routes, says aviation minister
NEW DELHI: Union Minister of Civil Aviation Kinjarapu Rammohan Naidu on Monday told the Rajya Sabha that the…

