निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह को शुभ माना गया है. इसके महत्व को आपने भी पूजा-पाठ से जुड़े कार्यों में देखा होगा. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही एक स्वास्तिक के बारे में जो आपका जीवन बदल सकता है. कहते हैं कि यह एक स्वास्तिक बनाने से नि:संतान को संतान और निर्धन को धन प्राप्त होता है. जो भी भक्त मंदिर के दरवाजे पर जाकर सच्चे मन से मत्था टेकता है प्रभु उसके सभी कष्ट दूर करते हैं.यहां लोग बनाते हैं उल्टा स्वास्तिकमथुरा में श्री कृष्ण की अनेकों लीलाओं का गुणगान मिलता है. कहीं योगीराज कृष्ण ने गौचारण लीला की तो कहीं गोपियों के वस्त्रों को चुराकर परेशान किया. हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका रहस्य भी भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है.मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की दीवार पर अगर कोई भी व्यक्ति स्वास्तिक बनता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. गरुड़ गोविंद मंदिर के सेवायत पुजारी अशोक कुमार ने बताया कि यह भगवान विष्णु का मंदिर है. उन्होंने बताया कि मंदिर की दीवार पर स्वास्तिक बनाने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना लेकर आता है वह यहां से खाली हाथ नहीं जाता. विष्णु जी उसकी मनौती को पूर्ण करते हैं. पुजारी ने बताया कि यहां जब पहली बार कोई भक्त आता है, तो वह उल्टा स्वास्तिक बनाकर जाता है और साथ ही अपनी मनोकामना भगवान के समक्ष रखता है. जब भक्त की मनोकामना पूर्ण हो जाती है तब वह मंदिर में फिर से जाकर भगवान विष्णु के समक्ष माथा टेकता है और उल्टे बनाए हुए सात्विक को सीधा बनाता है.सीधा स्वास्तिक निःसंतान को संतान और निर्धन को देता है धनपुजारी अशोक का कहना है कि देश के कोने-कोने से यहां लोग दर्शन करने आते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कई भक्त ऐसे थे जिनको संतान नहीं थी. उन्होंने यहां सात्विक बनाया और उन्हें संतान की प्राप्ति हो गई. भगवान विष्णु के समक्ष अगर कोई भी निर्धन व्यक्ति अपनी अरदास सच्चे मन से रखता है तो उसकी भी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 21:18 IST
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