निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: महादेव की नगरी काशी का रहने वाला BHU का एक छात्र करीब 9 साल पहले वृन्दावन दर्शन के लिए पहुंचा. धर्म नगरी में पहुंचने के बाद हर मंदिर में उसने अपना मत्था टेका. उसके बाद छात्र आशीष वहीं मीरा बाई की कृष्ण भक्ति से प्रभावित हो गया. आशीष को कत्थक नृत्य में शुरू से ही रूचि रही. कत्थक में आशीष ने देश विदेश में ख्याति प्राप्त की. वृन्दावन के मीरा बाई मंदिर में आशीष कत्थक का रियाज करने हर दिन आते हैं.आशीष से वृन्दावन आने और कत्थक नृत्य को लेकर बात कि गई तो उन्होंने बताया कि सन् 2015 में पिता चन्द्र कुमार सिंह के गुजरने के बाद आशीष निरंतर श्री मद भागवत महा पुराण सुनते रहे. मन में जिज्ञासा हुई की एक बार वृन्दावन जाना है. वर्ष 2016 में वृंदावन पहुंचे और यहां उनका मन ऐसा अटक गया कि बाकी की जिंदगी यहीं गुजारने का मन बना लिया. वहां उन्हें कत्थक कार्यशाला लेने का भी मौका मिल गया.उसके बाद आशीष ने उसी समय वृंदावन में एक आश्रम में अपने रहने की व्यवस्था कर ली. आश्रम में आश्रय दिलाने में उनकी मदद बनारस की बसंत कन्या महाविद्यालय की सुशीला देवी ने की. उसके बाद तो आशीष पूरी तरह से कृष्ण भक्ति में लग गए और भक्त शिरोमणि मीरा बाई सा जी भजन स्थली में अपना कत्थक नृत्य का रियाज करना शुरू किया. उन्होंने कत्थक रियाज वर्ष 2016 से शुरू किया और आज तक चल रहा है.वृन्दावन में मिला आशीष को नया नामआशीष इसके पहले वाराणसी में भी बाला जी घाट (जहा बिस्मिल्लाह खान साहब रियाज़ किया करते थे) वहां स्थित तिरुपति बाला जी के मंदिर में 2007 से 2012 तक अपनी नृत्य कला प्रभु के चरणो में समर्पित की. आशीष को वृन्दावन में ही एक दूसरा नाम मिला “नृत्य मंजरी दास” जो कि आज वृंदावन का एक जाना पहचाना नाम है. भगवान कृष्ण के चरणों का दास बनने को आशीष काशी विश्वनाथ की कृपा मानते हैं.दर्जनों विदेशी भक्तों को सिखा चुके हैं कत्थकआशीष कत्थक को अपना जीवन मानते हैं. वृन्दावन में आकर उन्होंने भक्ति के साथ कत्थक का भी रियाज करना शुरू किया. जैसे-जैसे लोगों को इनके बारे में पता चला लोग इनसे जुड़ते चले गए. आशीष बताते हैं कि उन्होंने वृन्दावन, मथुरा के साथ साथ विदेशी महिलाओं को भी कत्थक नृत्य सिखाया. दर्जनों विदेशी उनके छात्र बनकर कत्थक सीख चुके हैं.FIRST PUBLISHED : July 6, 2024, 21:31 IST
Railways roll out second phase of fare rationalisation, shielding short-distance travellers
The Ministry further stated that fares for Sleeper Class Ordinary and First Class Ordinary have been revised uniformly…

