Uttar Pradesh

9 साल की उम्र में ब्रेस्‍ट में गांठ, 5 साल में बन गया कैंसर….एम्‍स के डॉ. बोले इस उम्र के बाद महिलाएं जरूर करें जांच

‘एम्‍स दिल्‍ली में करीब 14 साल की एक लड़की इलाज के लिए बरेली से आई. इसे ब्रेस्‍ट कैंसर था. हालांकि यह कैंसर की शुरुआत नहीं थी बल्कि कैंसर काफी बढ़ चुका था, क्‍योंकि करीब 9 साल की उम्र में उसे अपने ब्रेस्‍ट के पास गांठ जैसी महसूस हुई थी लेकिन कोई दर्द या परेशानी न होने पर उसने यह बात किसी को नहीं बताई लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही जब ब्रेस्‍ट का आकार तेजी से फैलने लगा , ब्रेस्‍ट की गांठ भी दुखने लगी और उसमें से पस जैसा निकलने लगा तो फिर परिवार को पता चला और फिर डॉक्‍टर के पास लेकर आए. फिलहाल लड़की का इलाज चल रहा है…’

एम्‍स हो या अन्‍य कोई भी कैंसर का अस्‍पताल, यह कोई पहला मामला नहीं है जब इतनी कम उम्र में किसी लड़की को ब्रेस्‍ट कैंसर हुआ है. ऐसे कई मामले पहले भी आते रहे हैं. एम्‍स के कैंसर अस्‍पताल के पूर्व चीफ डॉ. जीके रथ कहते हैं कि उनके पास 12 साल की उम्र में ब्रेस्‍ट कैंसर की मरीज भी इलाज के लिए आ चुकी है. वैसे तो ऐसे मामले हजारों में से किसी एक को होते हैं, लेकिन इसको लेकर छोटी उम्र से ही अवेयर होने की जरूरत है.

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Breast Cancer Se Jung: सिर्फ ब्रेस्‍ट नहीं अंडरआर्म की गांठ भी ब्रेस्‍ट कैंसर का इशारा, महिलाएं खुद ऐसे करें जांचमहिलाएं अपना और बेटियों का करें एग्‍जामिन डॉ. रथ कहते हैं कि महिलाओं में सबसे ज्‍यादा होने वाले इस कैंसर से पहले ही बचाव करने का कोई रास्‍ता नहीं है लेकिन इतना कर सकते हैं कि इसे जल्‍दी डिटेक्‍ट कर सकते हैं. इसमें देरी खतरनाक हो सकती है. अगर इस बीमारी का समय रहते पता चल जाता है तो 95 फीसदी मामलों में इलाज संभव है. इसके लिए महिलाओं को खुद अपना एग्‍जामिन करने की जरूरत है. वहीं जो बच्चियां छोटी हैं, उनकी मांओं को चाहिए कि वे उनका भी एग्‍जामिन करें, ताकि यह बीमारी बढ़ने से पहले ही पकड़ में आ जाए.

ब्रेस्‍ट कैंसर के क्‍या होते हैं फैक्‍टर्स डॉ. रथ कहते हैं कि ब्रेस्‍ट कैंसर के क्‍या कारण हैं, ये अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं है. सिर्फ 10 फीसदी मामलों में आनुवांशिक रूप से यह बीमारी फैलती है जबकि 90 फीसदी मामलों में बीमारी के कारण अनजान हैं. इसलिए महिलाएं जांच करती रहें. इसके कुछ फैक्‍टर्स हैं, जैसे स्‍तन में अगर कोई गांठ, ब्‍लीडिंग या डिस्‍चार्ज नजर आए, या बगल में गांठ हो, उसमें दर्द हो या न हो तो तुरंत डॉक्‍टर को दिखाएं. अगर गांठ का आकार या ब्रेस्‍ट का आकार बढ़ रहा हो, तो भी डॉक्‍टर के पास तुरंत जाएं. ऐसा हर महीने करें.

महिलाएं क्‍यों होती हैं कन्‍फ्यूज? डॉ. रथ कहते हैं कि अक्‍सर देखा गया है कि महिलाओं को कई बार ब्रेस्‍ट में लंप भी समझ नहीं आता, अगर इसमें दर्द नहीं है तो वे इसे सामान्‍य ब्रेस्‍ट का आकार या ब्रेस्‍ट का हिस्‍सा मानकर छोड़ देती हैं. ऐसा होना संभव भी है क्‍योंकि हर लंप कैंसर नहीं होता, लेकिन अगर आपके परिवार में ब्रेस्‍ट कैंसर हिस्‍ट्री है या आपकी शादी नहीं हुई है या बच्‍चे नहीं हैं या आपकी उम्र 30 साल से ऊपर है तो आप खुद एग्‍जामिन करने के बाद एक डॉक्‍टर से परामर्श जरूर लें. इस स्थिति में मेमोग्राम कराने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ अल्‍ट्रासाउंड कराने के बाद भी लंप या गांठ के कैंसेरियस होने या न होने की जानकारी मिल जाती है.

इसलिए महिलाएं और बच्चियां ब्रेस्‍ट में दिखाई देने वाली किसी भी असामान्‍य चीज को इग्‍नोर न करें. इसे जरूरी समझकर डॉक्‍टर को दिखाएं. ऐसा करने से बहुत हद तक इस कैंसर का इलाज संभव है.

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Tags: Aiims delhi, Breast Cancer Se Jung, Health News, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 21:03 IST

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