वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार, हर 100 में से 1 बच्चे को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर होता है. इसमें बच्चे का मानसिक रूप से डेवलपमेंट बहुत स्लो होता है. जिसके कारण दूसरों के साथ सोशल होने, चीजों को सीखने समझने और व्यवहार में परेशानी होती है. इसका निदान बचपन में ही किया जा सकता है लेकिन आमतौर पर इसकी पहचान करने में बहुत समय लग जाता है.
जीवन भर चलने वाली मेडिकल कंडीशन ऑटिज्म का पता चलना माता-पिता के लिए निराशाजनक हो सकता है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि सही देखभाल और थेरेपी से बच्चों की क्षमता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाया जा सकता है. बिना किसी प्रोफेशनल की मदद से आप अपने ऑटिस्टिक बच्चे को एक नॉर्मल जीवन देने के लिए यहां बताए गए तरीकों से तैयार कर सकते हैं.प्ले थेरेपी
खेल बच्चों के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और ऑटिस्टिक बच्चों के लिए भी यह उतना ही जरूरी है. आप अपने बच्चे के साथ मिलकर उनके पसंद के खिलौनों से खेलें. खेल के दौरान उन्हें रंग, आकार और नंबर सिखाएं. इसके अलावा, बारी-बारी से खेलना और निर्देशों का पालन करना जैसी सामाजिक चीजें भी सिखाएं.
स्पीच थेरेपी
ऑटिस्टिक बच्चों को बातचीत करने में परेशानी होती है. ऐसे में उनके कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाने के लिए आप उनसे इशारों, सरल शब्दों में और आराम से बातचीत कर सकते हैं. इससे वह बातों को बेहतर तरीके से समझेंगे और उसे बोलने की कोशिश का बेहतर प्रयास कर पाएंगे.
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डेली वर्क थेरेपी
अपने बच्चे को दिनचर्या के कार्यों को सीखने में शामिल करें. उदाहरण के लिए, उन्हें कपड़े उतारने या टेबल सेट करने में मदद करने के लिए कहें. इससे उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने और चीजों को स्वयं करने में मदद मिलेगी.
फ्लोरटाइम
फ्लोरटाइम टेक्नीक से माता-पिता अपने बच्चे को बातचीत में भाग लेने के लिए मोटिवेट करते हैं. यह ऑटिस्टिक बच्चों को अपने सोशल स्किल को बढ़ाने और इमोशनल कनेक्शन बनाने में मदद करता है. फ्लोरटाइम में बच्चे के लीडरशिप में गतिविधियों में शामिल होना शामिल है.
विज़ुअल साइन थेरेपी
कुछ ऑटिस्टिक बच्चों को सुनकर निर्देशों को समझने में परेशानी होती है. ऐसे में आप चित्रों या चार्ट का उपयोग करके उन्हें निर्देश दे सकते हैं. इससे उन्हें यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें आगे क्या करना है.
बच्चे को सीखने के लिए मोटिवेट करें
जब आपका बच्चा कोई नया कौशल सीखता है या अच्छा व्यवहार करता है, तो उनकी प्रशंसा करें और उसे इसके लिए प्राइज दें. इससे उन्हें सीखने और अच्छा व्यवहार करने के लिए मोटिवेशन मिलेगा.

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