Uttar Pradesh

खूंखार नजर आने वाली भारत की सबसे बड़ी छिपकली क्या सच में है जहरीली? एक्सपर्ट से जानें पूरा सच



सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: आमतौर पर लोगों के मन में छिपकलियों को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां देखी जाती हैं. वहीं बात अगर बड़ी नजर आने वाली छिपकली (मॉनिटर लिजार्ड) की करें तो इसको लेकर तो एक से एक किस्से आपको सुनने को मिल जाएंगे. वहीं इसका स्थानीय नाम विषखोपड़ा होने के चलते तो लोगों ने इसे जहरीला तक करार दे दिया है. लेकिन आंकड़ों के मुताबिक असल कहानी कुछ और ही है.

हम लोगों के बीच मॉनिटर लिजार्ड के बारे में प्रचलित भ्रांतियों की वैज्ञानिक वास्तविकता बताएं उससे पहले आपका मॉनिटर लिजार्ड के बारे में जानना जरूरी है. मॉनिटर लिजार्ड या फिर विषखोपड़ा/ गोह के बारे में अधिक जानकारी के लिए LOCAL 18 ने वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की बायोलॉजिस्ट प्रांजलि भुजबल से खास बातचीत की है. प्रांजलि बताती हैं कि भारत में प्रमुख तौर पर मॉनिटर लिजार्ड की 4 प्रजातियां पाई जाती हैं. जो बंगाल मॉनिटर, येलो मॉनिटर, वॉटर और डेजर्ट मॉनिटर लिजार्ड हैं.

भारत की सबसे बड़ी छिपकलीप्रांजलि भुजबल ने बताया कि अगर उत्तर भारत के इलाकों की बात करें तो यहां आमतौर पर बंगाल मॉनिटर लिजार्ड नजर आती है. इसका वैज्ञानिक नाम Varanus Bengalensis होता है. मॉनिटर लिजार्ड भारत में पाई जाने वाली सबसे बड़ी छिपकली की प्रजातियों में से एक है . आमतौर पर यह जमीन पर ही रहती है हालांकि इसके बच्चे पेड़ों आदि पर चढ़ सकते हैं. मॉनिटर लिजार्ड अक्सर जड़ी-बूटियों व पेड़-पौधे वाले इलाके में देखी जाती है. शांतचित्त होने के चलते ये जीव ठंडी व पानी वाली जगहों पर रहना पसंद करते हैं.

नहीं मिले जहरीले होने के साक्ष्यप्रांजलि बताती हैं कि वैसे तो मॉनिटर लिजार्ड शर्मीले स्वभाव के प्राणी होते हैं और ये इंसान से छिपकर रहना पसंद करते हैं. लेकिन चूहे जैसे छोटे प्राणी इसका शिकार होते हैं ऐसे में ये शिकार के पीछे इंसानों के नजदीक पहुंच जाते हैं. ये दिन में अधिक सक्रिय होते हैं ऐसे में अक्सर लोगों की नजर इन पर पड़ जाती है. अगर बात इसके जहरीले होने की करें तो अब तक इसके काटने से किसी भी मृत्यु के आंकड़े सामने नहीं आए हैं.

किसानों के लिए बेहद मददगार है मॉनिटर लिजार्डप्रांजलि बताती हैं कि आमतौर पर लोग भले ही मॉनिटर लिजार्ड से डरते हैं. लेकिन यह खतरनाक नहीं बल्कि एक तरह से किसानों के लिए मददगार साबित होती है. आमतौर पर ये खेतों में पाई जाती है. वहीं यह खेतों में पाए जाने वाले चूहे व अन्य कीट मकोड़ों की संख्या को नियंत्रित रखती है.

इस स्थिति में हो सकती है हमलवारप्रांजलि बताती हैं कि भले ही मॉनिटर लिजार्ड आप पर खुद से हमला न करे लेकिन खतरा महसूस होने पर यह हमलावर हो सकता है. बहुत अधिक शोध न होने के अभाव में इसके विषाक्तता स्तर के बारे में बहुत अधिक कह पाना संभव नहीं है. लेकिन किसी भी प्रकार के हादसे के बाद जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

लोगों को डरा कर खड़ा हुआ बड़ा कारोबारप्रांजलि भुजबल ने बताया कि मॉनिटर लिजार्ड के अवैध शिकार का बहुत बड़ा वैश्विक बाज़ार है. प्रमुख रूप से इनका शिकार खाने, चाइनीज व शक्तिवर्धक दवाओं, अंधविश्वास व इनकी खाल के लिए किया जाता है. वाशिंगटन कन्वेंशन ( Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora) के तहत इसे सबसे अधिक खतरे में रखा गया है. जानकार बताते हैं कि इनके प्रति लोगों के में डर पैदा कर इनका आसानी से शिकार किया जा सके इसलिए मॉनिटर लिजार्ड के बारे में डरावने किस्से गढ़े गए हैं.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 18:52 IST



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